क्या अमेरिका अपने इरादे ईरान और भारत जैसे देशों पर थोपने की कोशिश कर रहा है?

Click to start listening
क्या अमेरिका अपने इरादे ईरान और भारत जैसे देशों पर थोपने की कोशिश कर रहा है?

सारांश

तेहरान ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह आर्थिक हथियारों का प्रयोग कर रहा है। जानिए ईरान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा और अमेरिका के प्रतिबंधों का क्या प्रभाव होगा। यह स्थिति न केवल ईरान और भारत के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • अमेरिका के प्रतिबंधों का ईरान और भारत पर नकारात्मक प्रभाव।
  • अर्थव्यवस्था का 'हथियारकरण' अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन।
  • ईरान का नया बयान अमेरिकी नीतियों के खिलाफ।
  • ग्लोबल साउथ की सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता।
  • अंतरराष्ट्रीय तनाव को कम करने की दिशा में प्रयास।

तेहरान, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ईरान ने गुरुवार को अमेरिका पर यह आरोप लगाया कि वह अर्थव्यवस्था का 'हथियारकरण' कर रहा है और प्रतिबंधों का उपयोग स्वतंत्र देशों जैसे ईरान और भारत पर अपनी इच्छा थोपने और उनके विकास में रुकावट डालने के लिए कर रहा है।

भारत में ईरान के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "अमेरिका लगातार अर्थव्यवस्था को हथियार बना रहा है और प्रतिबंधों का उपयोग स्वतंत्र राष्ट्रों जैसे ईरान और भारत पर अपनी इच्छा थोपने और उनके विकास को रोकने के लिए कर रहा है। ये भेदभावपूर्ण और जबरदस्ती भरे कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों का उल्लंघन हैं और आर्थिक साम्राज्यवाद का आधुनिक रूप हैं।"

पोस्ट में आगे कहा गया, "ऐसी नीतियों का विरोध एक अधिक शक्तिशाली, उभरते हुए, गैर-पश्चिमी बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था और एक मजबूत वैश्विक दक्षिण की ओर उठाया गया कदम है।"

ईरान की यह प्रतिक्रिया अमेरिका के उस ऐलान के 24 घंटे के भीतर आई है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीदने पर पेनल्टी लगाने का उल्लेख किया था।

इस बीच, ईरान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ईरान के तेल व्यापार पर लगाए गए नए अमेरिकी प्रतिबंधों को एक "दुष्प्रवृत्त कृत्य" करार दिया और कहा कि इसका उद्देश्य देश के आर्थिक विकास और उसके नागरिकों की भलाई को नुकसान पहुंचाना है।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने ईरान के तेल और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी निंदा करते हुए इन्हें "दमनकारी प्रतिबंध" बताया और कहा कि ये अमेरिकी नीति निर्माताओं की ईरानी जनता के प्रति शत्रुता का स्पष्ट प्रमाण हैं।

तेहरान में मीडिया को संबोधित करते हुए बकाई ने कहा, "ये एकतरफा और अवैध प्रतिबंध अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं और मानवता के खिलाफ अपराध हैं।"

Point of View

NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

ईरान ने अमेरिका पर क्या आरोप लगाए हैं?
ईरान ने आरोप लगाया है कि अमेरिका अर्थव्यवस्था का 'हथियारकरण' कर रहा है और स्वतंत्र देशों पर अपने इरादे थोपने के लिए प्रतिबंधों का प्रयोग कर रहा है।
अमेरिका ने भारत पर क्या प्रतिबंध लगाए हैं?
अमेरिका ने 1 अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।
ईरान के विदेश मंत्रालय का क्या कहना है?
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के नए प्रतिबंधों को 'दुष्प्रवृत्त कृत्य' करार दिया है।
क्या ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं?
ईरान का कहना है कि ये एकतरफा और अवैध प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
इस मामले का वैश्विक प्रभाव क्या हो सकता है?
यह स्थिति वैश्विक राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग में रुकावट आ सकती है।