क्या ट्रंप के सीजफायर ऐलान के बाद ईरान ने फिर से बैलिस्टिक मिसाइलें दागी?

सारांश
Key Takeaways
- सीजफायर का ऐलान ट्रंप द्वारा किया गया था।
- ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।
- ईरान की मिसाइलों ने इजरायल के बीरशेबा को निशाना बनाया।
- अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया।
- संघर्ष समाप्त करने के लिए ईरान को सहमत होना चाहिए।
तेल अवीव, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान किया है, लेकिन दूसरी ओर ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने जानकारी दी है कि मंगलवार सुबह ईरान से इजरायल पर दो बार में कुल छः मिसाइलें दागी गईं। पहले हमले में दो और दूसरे हमले में चार मिसाइलें शामिल थीं, जिसमें बीरशेबा में एक अपार्टमेंट ब्लॉक को निशाना बनाया गया।
ईरान द्वारा मिसाइल लॉन्च के तुरंत बाद उत्तर, मध्य और दक्षिणी इजरायल के कुछ क्षेत्रों में सायरन बजने लगे। देश के अधिकांश इलाकों में लोगों को पहले ही सतर्क कर दिया गया था, और नागरिकों को अगले आदेश तक बॉम्ब शेल्टर में रहने की सलाह दी गई है।
यह हमले तब हुए जब कुछ घंटे पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर की पुष्टि की थी। उन्होंने 'ट्रुथ' पर लिखा, "सभी को बधाई, ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण और अंतिम सीजफायर पर सहमति बन गई है। यह सीजफायर छह घंटों में लागू होगा, और ईरान को पहले इसका पालन करना होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "ईरान की ओर से सीजफायर का पालन करने के 12 घंटे बाद इजरायल भी इस सीजफायर में शामिल होगा। 24 घंटे बाद युद्ध का औपचारिक रूप से अंत माना जाएगा।"
ट्रंप ने ईरान और इजरायल की सहनशक्ति, बुद्धिमत्ता और साहस की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "ईश्वर ईरान को आशीर्वाद दे, ईश्वर इजरायल को आशीर्वाद दे, और ईश्वर अमेरिका तथा पूरे विश्व को आशीर्वाद दे।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच यह युद्ध वर्षों तक चल सकता था, जिससे मध्य पूर्व बर्बाद हो सकता था, लेकिन ऐसा न तो हुआ और न होगा।
इसके बाद, ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'सीएनएन' को बताया कि तेहरान को अमेरिका से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है, जिससे उसे इजरायल या वाशिंगटन के साथ दुश्मनी खत्म करने का कोई कारण नहीं दिखता।
यह उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स नतांज, फोर्डो, और एस्फाहान पर हमला किया था। ट्रंप ने इसके बाद कहा कि ईरान को संघर्ष समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए, और यदि वह शांति नहीं कायम करता, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे।