क्या जापान की धरती फिर से कांपी? 2011 की प्रलय की याद दिलाने वाला भूकंप

सारांश
Key Takeaways
- जापान में हाल ही में 6.0 की तीव्रता का भूकंप आया।
- भूकंप ने 2011 की सुनामी की यादें ताजा कर दीं।
- फुकुशिमा और अन्य प्रांतों में झटके सबसे अधिक महसूस किए गए।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान, जिसने 2011 में सुनामी का भयानक संकट झेला था, अब एक बार फिर भूकंप के तेज झटकों से दहल उठा है। जापान के होन्शू द्वीप के पूर्वी तट पर भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए, जिसकी रिक्टर पैमाने पर माप 6.0 दर्ज की गई।
राष्ट्रीय भूकंप केंद्र (एनसीएस) द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, शनिवार की रात भूकंप का केंद्र 50 किलोमीटर गहराई पर स्थित था।
फुकुशिमा, मियागी, और इवाते प्रांत में भूकंप के सबसे अधिक झटके महसूस किए गए, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और अफरातफरी का माहौल बन गया। कुछ समय के लिए, लोगों को 2011 में आई प्रलय की याद आ गई।
भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर था और इसकी गहराई मात्र 50 किलोमीटर थी। हालांकि, मौसम विभाग ने भूकंप के बाद सुनामी की कोई चेतावनी नहीं जारी की, लेकिन 2011 की प्राकृतिक आपदा की यादें ताजा हो गईं, जब भूकंप के कारण हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई विस्तृत जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
जापान पेसिफिक रिंग ऑफ फायर में स्थित है, जिसके कारण यहाँ टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि होती रहती है। यही वजह है कि जापान से अक्सर भूकंप की खबरें आती हैं। भूकंप के बाद यहाँ सुनामी का खतरा भी बना रहता है।
जापान में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप 11 मार्च 2011 को आया, जिसकी तीव्रता 9.0-9.1 थी। इसके बाद समुद्र में 40 मीटर से भी अधिक ऊंची सुनामी उठी, जिसने जापान को भीषण तबाही का सामना करने पर मजबूर कर दिया।
इस आपदा में 18 हजार से ज्यादा लोग मारे गए और लापता हुए, साथ ही बुनियादी ढांचे को भी बहुत नुकसान हुआ।
2011 में आए इस भूकंप का असर जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्रों पर भी पड़ा था, जिसके कारण रिसाव होने लगा। यह घटना जापान के इतिहास की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जाती है।
-- राष्ट्र प्रेस
केके/वीसी