क्या ट्रंप के पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन पर सीक्रेट डॉक्यूमेंट रखने के मामले में शिकंजा कसा गया?

सारांश
Key Takeaways
- जॉन बोल्टन पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- ट्रंप का बोल्टन को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण।
- मामला ईरान के ईमेल हैकिंग से शुरू हुआ।
- बोल्टन की डिजिटल डायरियां जांच का हिस्सा हैं।
- अभियोग के बाद बोल्टन का आत्मसमर्पण संभव है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जॉन बोल्टन पर गुरुवार को मैरीलैंड की एक संघीय ग्रैंड जूरी ने अभियोग लगाया है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तीसरे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक विरोधी पर एक महीने के भीतर लगाया गया अभियोग है। इस पर ट्रंप ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मीडिया के सवालों पर कहा, "मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन वह एक ख़राब इंसान है। वह वाकई में बहुत बुरा व्यक्ति है।"
जानकारी के अनुसार, बोल्टन पर राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित जानकारी को प्रसारित करने के आठ और उसे अपने पास रखने के 10 आरोप लगे हैं। अभियोजकों का कहना है कि बोल्टन ने अपनी गतिविधियों का एक डिजिटल डायरियां रखीं, जो उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ साझा कीं। इनमें उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहते हुए प्राप्त सभी प्रकार की गोपनीय सामग्री शामिल थीं।
अभियोग में कहा गया है कि बोल्टन ने "डायरी जैसी प्रविष्टियों" के "एक हजार से ज्यादा पृष्ठ" साझा किए, जिनमें "अति गोपनीय" स्तर की जानकारी शामिल थी।
यह मामला 2022 में ईरान द्वारा बोल्टन का ईमेल हैक किए जाने से संबंधित है। इसी कारण इस मामले की जांच शुरू की गई थी। जांच के बाद गुरुवार को बोल्टन पर अभियोग लगाया गया।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोल्टन शुक्रवार को ग्रीनबेल्ट स्थित संघीय अदालत में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर सकते हैं। हालांकि, इस मामले की सुनवाई अभी तय नहीं हुई है।
आरोप है कि बोल्टन कथित रूप से व्हाइट हाउस और अन्य सुरक्षित स्थानों पर बिताए गए अपने दिनों के हस्तलिखित नोट्स लेते थे और उन्हें अपने कंप्यूटर पर दोबारा लिखते थे। अभियोजकों का कहना है कि ये प्रविष्टियां छापी हुई थीं और बोल्टन और उनके घर में अन्य लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले निजी उपकरणों पर मौजूद थीं।