क्या खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर ने पाकिस्तानी हुक्मरानों को लताड़ा, गेहूं आपूर्ति पर 'मनमाने प्रतिबंध' से नाराज?

सारांश
Key Takeaways
- गेहूं की कीमतों में असामान्य वृद्धि
- पंजाब सरकार का मनमाना प्रतिबंध
- खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर का कड़ा रुख
- आम जनता पर असर
- संविधान का उल्लंघन
नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में चीनी के बाद गेहूं की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को चिंतित कर दिया है। यह खबर खैबर पख्तूनख्वा से आई है, जहां के गवर्नर ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत पर मनमाने प्रतिबंध को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने गुरुवार को एक्स पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
कुंडी ने कुछ रिपोर्टों का जिक्र किया जिसमें पंजाब से गेहूं की आपूर्ति पर रोक लगाने का उल्लेख था।
उन्होंने एक्स पर कहा, "पंजाब सरकार द्वारा 31 अगस्त, 2025 को खैबर पख्तूनख्वा को गेहूं और आटे की आपूर्ति पर लगाए गए मनमाने प्रतिबंध ने संविधान के अनुच्छेद 151 का गंभीर उल्लंघन और राष्ट्रीय एकता का उल्लंघन किया है।"
गवर्नर ने आगे कहा, "इसका परिणाम यह हुआ कि पंजाब में 20 किलो आटे के एक बैग की कीमत लगभग 1,200 रुपये और केपी में 2,800 रुपये तक बढ़ गई है - जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे परिवारों पर एक भारी बोझ डाल रही है।"
इसके साथ ही उन्होंने पंजाब (पाकिस्तान का प्रांत) की मुख्यमंत्री मरियम नवाज से विशेष अपील की। उन्होंने कहा, "केपी के लोगों की ओर से, मैं इस भेदभावपूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं और पंजाब की मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे न केवल इसकी निंदा करें, बल्कि इस मौखिक प्रतिबंध को तुरंत वापस भी लें।"
कुंडी ने केपी सरकार से "कीमतों को स्थिर करने और अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए आटा मिलों को तत्काल गेहूं का कोटा प्रदान करने" का भी आग्रह किया।
बुधवार को, केपी विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें प्रांत में आटे की कीमतों में 68 प्रतिशत के इजाफे और पंजाब सरकार की ओर से लगाए गए "प्रतिबंधों" की निंदा की गई।
बता दें कि भारी बारिश और बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान में लोगों की थाली पर आफत आ गई है। चीनी के बाद गेहूं और आटे की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। ब्रांडेड आटे की कीमतें भी बढ़ी हैं। इस साल की शुरुआत में नई गेहूं की फसल आने के बावजूद, पांच किलोग्राम मैदे के बैग की कीमत 700 रुपये हो गई है, जो 1 अगस्त को 500 रुपये और 1 सितंबर को 600 रुपये थी।
यह मुद्दा इस महीने की शुरुआत में तब सामने आया जब ऑल पाकिस्तान फ्लोर मिल्स एसोसिएशन की केपी शाखा ने कहा कि पंजाब सरकार ने गेहूं की अंतर-प्रांतीय आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। केपी ने इसे "असंवैधानिक" करार दिया है।