क्या जापान को परेशानी खड़ी करने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी? : चीनी रक्षा मंत्रालय
सारांश
Key Takeaways
- जापान को अपनी सीमाएँ पार करने पर भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
- चीनी रक्षा मंत्रालय ने थाईवान के मुद्दे को चीन का अन्दरूनी मामला बताया।
- पीपल्स लिबरेशन आर्मी के पास हमलावरों को हराने की शक्तिशाली क्षमता है।
बीजिंग, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता च्यांग पिन ने 27 नवंबर को आयोजित एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जापान, जो अपनी सीमाओं को पार कर समस्या उत्पन्न करने का साहस कर रहा है, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
एक रिपोर्टर ने सवाल किया कि जापान का कहना है कि थाईवान से लगभग 110 किलोमीटर पूरब में योनागुनी द्वीप पर उसकी मिसाइल तैनाती सही तरीके से हो रही है। जापानी रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने कहा कि इस तैनाती से जापान पर सैन्य हमले की संभावना कम होती है और उन्हें नहीं लगता कि इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा। चीनी रक्षा मंत्रालय का क्या जवाब है?
च्यांग पिन ने कहा, "थाईवान का मुद्दा पूरी तरह से चीन का अंदरूनी मामला है। थाईवान के सवाल का समाधान कैसे किया जाए, यह केवल चीनी लोगों का मामला है और इसका जापान से कोई संबंध नहीं है। इस वर्ष थाईवान पर चीनी प्रभुसत्ता की बहाली की 80वीं वर्षगांठ है। अपने आक्रमण और थाईवान पर कब्जा करने के गंभीर अपराधों पर गंभीरता से विचार करने के बजाय, जापान अंतरराष्ट्रीय निंदा को नजरअंदाज कर रहा है और थाईवान जलडमरूमध्य में सैन्य दखल देने का प्रयास कर रहा है, युद्ध के बाद के अंतरराष्ट्रीय शासन को बदलने और सैन्यवाद की गलतियों को दोहराने का प्रयास कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के पास किसी भी हमलावर दुश्मन को हराने की शक्तिशाली क्षमता और विश्वसनीय तरीके हैं, और जापान, जो अपनी सीमाओं को पार कर समस्या उत्पन्न करने का साहस कर रहा है, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)