क्या पाकिस्तान ने यूएनएससी में अध्यक्ष पद संभालकर आतंकवाद को बढ़ावा दिया?

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क्या पाकिस्तान ने यूएनएससी में अध्यक्ष पद संभालकर आतंकवाद को बढ़ावा दिया?

सारांश

पाकिस्तान ने यूएनएससी की अध्यक्षता संभालते ही भारत ने उसकी आतंकवाद में संलिप्तता को उजागर किया। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अंतिम समय में भारत ने 'द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म' प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिससे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता को बल मिला।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान ने यूएनएससी में राष्ट्रपति पद संभाला है।
  • भारत ने प्रदर्शनी के माध्यम से आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया।
  • अध्यक्ष बनने के बाद, पाकिस्तान को कूटनीतिक परंपराओं का पालन करना होगा।
  • सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का सहयोग चीन के साथ रहेगा।
  • भारत ने पहलगाम नरसंहार के मामले को उठाया।

संयुक्त राष्ट्र, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान ने जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली, तब भारत ने ‘इस्लामाबाद’ के सीमा पार आतंकवाद में संलिप्तता को बेनकाब किया। भारत ने हाल में हुए पहलगाम नरसंहार का जिक्र किया, जिसे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने अंजाम दिया।

यह कदम वैश्विक स्थिरता पर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है, जब भारत ने हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।

पाकिस्तान के अध्यक्ष बनने से एक दिन पहले, भारत ने संयुक्त राष्ट्र भवन के प्रवेश द्वार पर 'द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म' नामक प्रदर्शनी आयोजित की, जिसमें न केवल भारत बल्कि 9/11 जैसे वैश्विक हमलों में भी पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया गया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह प्रदर्शनी आतंकवाद के पीछे के दोषियों को उजागर करने और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की मांग के लिए है।

सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान अपने ‘सदाबहार मित्रचीन के साथ मिलकर कार्य करेगा।

अध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान को प्रक्रिया के नियमों और कूटनीतिक परंपराओं का पालन करना होगा, जिसमें सदस्यों को बोलने की अनुमति देना और प्रस्ताव पेश करना शामिल है।

महीने का एजेंडा परिषद की बैठक के पहले दिन सर्वसम्मति से अपनाया जाता है। 2023 में रूस ने अमेरिका और अल्बानिया की अध्यक्षता के दौरान इसे अवरुद्ध किया था, जिससे परिषद को अस्थायी एजेंडा के साथ काम करना पड़ा।

अध्यक्ष के रूप में इस्लामाबाद उच्च-स्तरीय हस्ताक्षर कार्यक्रम और अपनी पसंद के विषयों पर खुली बहस आयोजित कर सकता है।

पाकिस्तान उच्च-स्तरीय बैठकें और खुली बहस आयोजित कर सकता है। इसका स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद अधिकांश बैठकों की अध्यक्षता करेगा, लेकिन उप-प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार जैसे नेता भी शामिल हो सकते हैं।

इस बीच, पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित कर सकता है, लेकिन ईरान और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे मुद्दों पर वह रूस और चीन के साथ है। पिछले महीने ईरान पर आपातकालीन सत्र में पाकिस्तान ने अमेरिका और इजरायल के हमलों की निंदा करने की मांग की थी।

चीन और रूस के साथ पाकिस्तान ने अमेरिका और इजरायल द्वारा की गई बमबारी की निंदा करते हुए एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि, सीजफायर के कारण इस पर विराम लग गया और किसी भी मामले में उसे अमेरिकी वीटो का सामना करना पड़ा।

इजरायल-हमास संघर्ष में पाकिस्तान फिलिस्तीन के साथ है और कश्मीर को इस मुद्दे से जोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन अब तक वह समर्थन पाने में असफल रहा है।

पाकिस्तान को पिछले साल एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में गैर-स्थायी सदस्य चुना गया था और जनवरी में परिषद में शामिल हुआ।

Point of View

मैं मानता हूं कि यह घटना न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंधों को प्रभावित करेगी, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी महत्वपूर्ण है। हमें एकजुट होकर इस समस्या का सामना करना होगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान ने यूएनएससी की अध्यक्षता क्यों संभाली?
पाकिस्तान को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में गैर-स्थायी सदस्य चुना गया था, जिसके तहत उसने अध्यक्षता संभाली।
भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद में संलिप्तता को कैसे उजागर किया?
भारत ने 'द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म' प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसमें पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता को दर्शाया गया।
पाकिस्तान की अध्यक्षता से क्या उम्मीदें हैं?
पाकिस्तान को कूटनीतिक परंपराओं का पालन करते हुए सुरक्षा परिषद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करनी होगी।