क्या पीएम मोदी मौजूदा जियो पॉलिटिक्स में सबसे प्रभावशाली नेता हैं?: अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन
सारांश
Key Takeaways
- मैरी मिलबेन ने मोदी की क्षमता की प्रशंसा की।
- मोदी-पुतिन बैठक ने भारत की स्थिति को मजबूत किया।
- अमेरिका की नीति पर मिलबेन की आलोचना।
- भारत और रूस के बीच गहरी साझेदारी।
- मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि।
वॉशिंगटन, ६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अफ्रीकी-अमेरिकी गायक और भारत की लंबे समय से प्रशंसा करने वाली मैरी मिलबेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्तमान भू-राजनीति में सबसे प्रभावशाली और महत्वपूर्ण नेता माना है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में हाल ही में मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक ने भारत की वैश्विक स्थिति को और अधिक मजबूत किया है।
राष्ट्र प्रेस को दिए गए विशेष साक्षात्कार में मिलबेन ने कहा कि मोदी-पुतिन वार्ता दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी और भरोसे को दर्शाती है। उनके अनुसार, "प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की यह मुलाकात अत्यंत सफल रही। यह निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच एक गहरी गठबंधन की तस्वीर प्रस्तुत करती है, जैसे कि अमेरिका और भारत के बीच के मजबूत संबंध।"
उन्होंने पीएम मोदी की कूटनीतिक क्षमता की प्रशंसा की। मिलबेन ने कहा कि ऊर्जा, रक्षा और आर्थिक सहयोग जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पीएम मोदी ने संतुलन और रणनीतिक समझदारी दिखाई।
उन्होंने यह भी बताया कि पुतिन की प्राथमिकता तेल और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना था, जबकि मोदी ने हर मुद्दे पर भारत के हित को प्राथमिकता दी।
मैरी मिलबेन ने स्पष्ट किया, "प्रधानमंत्री वही करेंगे जो भारत के लिए सबसे अच्छा होगा। हर नेता अपने देश के लिए यही करता है।"
साक्षात्कार में मिलबेन ने कई बार इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा आज सबसे ऊंचे स्तर पर है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी इस समय दुनिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता हैं। यह एक तथ्य है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने भारत को और खुद को वैश्विक राजनीति के केंद्र में स्थापित कर दिया है।"
मैरी मिलबेन, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम के करीबी संबंध रखती हैं, ने ट्रंप प्रशासन की हालिया इंडिया नीति की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा, "भारत के साथ व्यापार के लिए अमेरिकी रुख बहुत आक्रामक था। कई बार यह दबाव डालने जैसा प्रतीत हुआ।"
मिलबेन ने कहा, "भारत हमारा मित्र है। यह सबसे मजबूत लोकतांत्रिक साझेदार है। दोस्तों के साथ बातचीत में असहमति हो सकती है, लेकिन संबंधों को प्रभावित किए बिना।"
उनके अनुसार, अमेरिका की अनावश्यक आक्रामकता के कारण कई बड़े वैश्विक खिलाड़ी अपने विकल्प तलाशने लगे, जिसका असर भारत-रूस और भारत-चीन की कूटनीति में भी दिखाई दिया।
मिलबेन ने सीधे तौर पर सुझाव दिया कि ट्रंप को इस मुलाकात को नई दृष्टि से देखना चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरी सलाह है कि प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका आमंत्रित करें। बैठकर बातचीत करें, डिनर करें, माफी मांगें और रिश्तों की मरम्मत करें।"
उनका मानना है कि ऐसा कदम अमेरिका के लिए भी फायदेमंद होगा, खासकर यदि वह रूस-यूक्रेन शांति प्रयासों में आगे बढ़ना चाहता है।
मिलबेन ने कहा, "अगर कोई नेता रूस-यूक्रेन में मध्यस्थता कर सकता है, तो वह केवल प्रधानमंत्री मोदी हैं।"
साक्षात्कार में मिलबेन ने कहा कि विश्व के नेता इस साल अमेरिकी चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "दुनिया जानती है कि अमेरिका में चुनाव का मौसम कैसा होता है।"
मिलबेन ने कहा कि उन्हें दोनों नेताओं पर पूरा भरोसा है और दोनों एक-दूसरे को समझते हैं। वह सच में मानती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मित्रता है और यह लंबे समय से कायम है। नई दिल्ली में मोदी की हालिया कूटनीति उनके वैश्विक कद को और मजबूत साबित करती है। उनकी नेतृत्व क्षमता पूरी तरह से सामने आई है। मैं उनकी सराहना करती हूं।
नई दिल्ली में हुए मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन को भारत और रूस के बीच उच्चस्तरीय संवाद का नया दौर माना जा रहा है। दोनों देशों की साझेदारी का विस्तार रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्र तक है।
भारत शुरू से ही रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संवाद बनाए हुए है, जिससे वह विश्व के कुछ गिने-चुने देशों में से एक है, जिनके संबंध दोनों पक्षों से अच्छे हैं।
मैरी मिलबेन आज भारत-अमेरिका संबंधों की अनौपचारिक सांस्कृतिक राजदूत मानी जाती हैं। उन्होंने वैश्विक मंच पर अक्सर पीएम मोदी की नेतृत्व की सराहना की है।