क्या पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश ने 60 और लोगों की जान ली?

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान में 124 लोगों की मृत्यु हुई है।
- बारिश से संबंधित घटनाओं में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
- पंजाब और बलूचिस्तान सबसे अधिक प्रभावित प्रांत हैं।
- राहत कार्यों के तहत बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
- अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
इस्लामाबाद, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में मूसलाधार मानसूनी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके कारण देशभर में 124 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों अन्य घायल हैं। बुधवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 60 लोगों की मृत्यु हुई। यह जानकारी पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने दी।
एनडीएमए के अनुसार, पिछले तीन हफ्तों में मूसलाधार बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं के चलते पाकिस्तान में कुल 124 लोगों की मौत हुई है और 264 अन्य घायल हुए हैं।
पंजाब प्रांत में बुधवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में छत गिरने और करंट से 44 लोगों की जान गई, जबकि बलूचिस्तान में इसी तरह की बारिश से हुई आपदाओं में 16 लोगों की मृत्यु हो गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मानसूनी बारिश गुरुवार देर रात तक जारी रहने की संभावना है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत में सबसे अधिक मौतें लाहौर, ओकारा, फैसलाबाद और आसपास के जिलों में हुईं, जहां इमारतों के ढहने और बिजली का करंट लगने के कारण यह घटनाएं हुईं।
लाहौर में भारी बारिश के चलते तीन छतें ढह गईं और 16 लोगों की मौत हो गई। छह अन्य लोग घायल हुए। इसी तरह, फैसलाबाद में 23 अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 7 लोगों की जान गई और 36 लोग घायल हुए।
इसके अतिरिक्त, ओकारा में कम से कम 7 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल थे। मौतों का कारण भवन ढहने, करंट लगने और डूबने जैसी घटनाएं थीं।
पंजाब प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई, जिनमें शेखपुरा में 217 मिमी, ओकारा में 170 मिमी, चिचावतनी में 130 मिमी, हाफिजाबाद में 90 मिमी और कसूर में 85 मिमी बारिश दर्ज की गई।
लाहौर, गुजरांवाला, फैसलाबाद, साहीवाल, सरगोधा, मुल्तान, डेरा गाजी खान और बहावलपुर में और भारी बारिश का अनुमान है।
इस बीच, पंजाब के प्रमुख शहरों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। मंगला, मराला और कादिराबाद सहित प्रमुख स्थानों पर झेलम और चिनाब नदियों में मध्यम से तेज जल प्रवाह की आशंका है। अगले 24 से 36 घंटों में ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश से स्थितियाँ और बिगड़ सकती हैं।
प्रांतीय प्रशासन ने सभी कमिश्नरों और डिप्टी कमिश्नरों को अलर्ट पर रखा है। राहत आयुक्त नबील जावेद ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे फील्ड में सक्रिय रहें, आपातकालीन टीमें सक्रिय करें और ईंधन व आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
एनडीएमए ने कहा कि नदियों के किनारे बसे लोगों को अपने पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। बाढ़ राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं, जहां आवश्यक सामान की व्यवस्था की गई है।