क्या पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों ने हड़ताल की, परिवहन और बाजार हुए बंद?

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क्या पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों ने हड़ताल की, परिवहन और बाजार हुए बंद?

सारांश

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पब्लिक एक्शन कमेटी द्वारा की गई हड़ताल ने स्थानीय जीवन को प्रभावित किया है। बाजार और परिवहन बंद होने से लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में 38 सूत्रीय मांगें और क्षेत्र में सुरक्षा मुद्दे हैं। क्या ये आंदोलन कोई बदलाव लाएंगे?

Key Takeaways

  • पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों ने हड़ताल की है।
  • स्थानीय बाजार और परिवहन सेवाएं बंद रहीं।
  • इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी ठप रही हैं।
  • 38 सूत्रीय मांगों का विरोध किया जा रहा है।
  • आतंकवाद के कारण स्थानीय लोग संकट में हैं।

इस्लामाबाद, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सोमवार को पब्लिक एक्शन कमेटी द्वारा हड़ताल का आह्वान किया गया, जिसके तहत स्थानीय लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर दी और चक्का जाम हड़ताल की।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह विरोध-प्रदर्शन 38 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर आयोजित किया गया। हड़ताल के कारण मुज़फ्फराबाद सहित पूरे क्षेत्र में बाजार, वाणिज्यिक केंद्र और परिवहन पूरी तरह से ठप रहे।

स्थानीय न्यूज टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, होटल और दुकानें बंद रहीं, जबकि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुकी रही। स्कूलों में भी कक्षाएं खाली रहीं क्योंकि अधिकांश छात्र पढ़ाई के लिए नहीं पहुंचे।

इस बीच, पीओके में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी बंद रहीं। टेलीफोन सेवाओं में भी बाधा आई, जिससे लोग बाहरी दुनिया से कट गए।

पब्लिक एक्शन कमेटी ने अपनी 38 सूत्रीय मांगों में शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों को समाप्त करने और अभिजात वर्ग को दिए गए विशेषाधिकारों को वापस लेने जैसी बातें शामिल की हैं। समिति ने चेतावनी दी है कि दिन में बाद में एक बड़ी रैली भी निकाली जाएगी।

यह उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोग लंबे समय से आतंकवाद और सरकारी नीतियों के कारण गंभीर मानव, आर्थिक और मानसिक संकट का सामना कर रहे हैं। यह मुद्दा हाल ही में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की 60वीं बैठक में भी उठाया गया था, जहां वक्ताओं ने पीओके के लोगों की स्थिति को पाकिस्तान की आतंकवादी नीतियों का परिणाम बताया।

ग्रीक सिटी टाइम्स में पॉल एंटोनोपोलोस ने लिखा कि अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों और खुले स्रोत के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि यह क्षेत्र आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार है। लगातार हमलों और अस्थिरता ने विकास परियोजनाओं को बाधित किया है। पर्यटन, स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार की योजनाएं बार-बार रुक जाती हैं और संसाधनों की सुरक्षा पर खर्च किया जाता है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जो थोड़ी बहुत उद्योग और पर्यटन की संभावनाएं यहां बनीं, उनका लाभ भी पाकिस्तान सेना से जुड़े कंपनियों द्वारा उठाया जाता है, जिससे स्थानीय लोग खाली हाथ रह जाते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चल रहे आंदोलनों का मुख्य कारण स्थानीय लोगों की समस्याएं और सरकारी नीतियां हैं। हमें इनकी आवाज़ को सुनने और समझने की जरूरत है। यह देश के विकास और शांति के लिए आवश्यक है कि हम इस मुद्दे पर ध्यान दें।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

पीओके में हड़ताल का कारण क्या है?
पीओके में हड़ताल का कारण पब्लिक एक्शन कमेटी द्वारा उठाए गए 38 सूत्रीय मांग पत्र हैं, जिनमें शरणार्थियों के लिए आरक्षित सीटों को समाप्त करने की मांग शामिल है।
हड़ताल के दौरान क्या बंद रहा?
हड़ताल के दौरान पूरे क्षेत्र में बाजार, वाणिज्यिक केंद्र और परिवहन सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं।
क्या पीओके में इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं?
हां, पीओके में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी बंद रहीं।
क्या हड़ताल के बाद कोई बड़ा आंदोलन होगा?
पब्लिक एक्शन कमेटी ने चेतावनी दी है कि वे बाद में एक बड़ी रैली भी आयोजित करेंगे।
पीओके के लोग किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं?
पीओके के लोग आतंकवाद और सरकारी नीतियों के कारण गंभीर मानव, आर्थिक और मानसिक संकट का सामना कर रहे हैं।