क्या पुतिन पहले से ही विश्व मंच पर हैं? रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए उनसे बातचीत जरूरी: मार्को रुबियो

सारांश
Key Takeaways
- पुतिन का वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान है।
- यूक्रेन संघर्ष का समाधान बातचीत के बिना संभव नहीं है।
- दोनों पक्षों को रियायतें देनी होंगी।
न्यूयॉर्क, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। इसीलिए, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का समाधान पाने के लिए अमेरिका के पास उनसे बातचीत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने रविवार को एबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "पुतिन पहले से ही विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण नेता हैं।"
उन्होंने बताया कि उनके पास दुनिया का सबसे बड़ा सामरिक परमाणु हथियारों का भंडार और दूसरा सबसे बड़ा रणनीतिक परमाणु हथियारों का भंडार है। वह पहले से ही वैश्विक नेताओं के बीच शामिल हैं।
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, उन्होंने कहा, "जब मैं लोगों को यह कहते सुनता हूं कि 'ओह, इससे पुतिन का कद बढ़ जाएगा,' तो मुझे आश्चर्य होता है। हम तो हमेशा पुतिन के बारे में ही चर्चा कर रहे हैं। पिछले चार-पांच वर्षों से मीडिया भी लगातार पुतिन की बात कर रहा है।"
उन्होंने आगे जोड़ा, "इसका अर्थ है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता पुतिन से बातचीत किए बिना संभव नहीं है। जब तक उनकी बातचीत नहीं होगी, तब तक यह युद्ध समाप्त नहीं हो सकता। यह तो सामान्य ज्ञान की बात है, मुझे इसे समझाने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, लोग जो चाहें, कह सकते हैं।"
15 अगस्त को अलास्का के एक सैन्य अड्डे पर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक बैठक हुई, जो लगभग तीन घंटे तक चली।
रूसी पक्ष से राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उपस्थित थे। वहीं, अमेरिकी पक्ष से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने भाग लिया।
बातचीत के बाद मीडिया को दिए गए बयान में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध का समाधान इस शिखर सम्मेलन का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा था।
रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका और रूस के रिश्तों को सुधारने और सहयोग की पुनः शुरुआत की बात कही। साथ ही, उन्होंने ट्रंप को मास्को आने का निमंत्रण भी दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि बातचीत में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच ठोस समझौते तक नहीं पहुंचा जा सका है।
रुबियो ने रविवार को कहा कि शांति समझौता करने के लिए पुतिन और ज़ेलेंस्की दोनों को कुछ समझौते करने होंगे।
रुबियो ने एबीसी न्यूज को बताया, "जब तक दोनों पक्ष एक-दूसरे को कुछ नहीं देते, तब तक शांति समझौता संभव नहीं है। जब तक दोनों तरफ से रियायतें नहीं होंगी, शांति नहीं हो सकती।"