क्या रंगीन रेत में रसायन मिला तो न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में स्कूल बंद हुए?
सारांश
Key Takeaways
- रंगीन रेत में एस्बेस्टस की मौजूदगी ने स्कूलों को बंद करने पर मजबूर किया।
- न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू की।
- बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बढ़ाई गई।
- अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे रंगीन रेत को सुरक्षित स्थान पर रखें।
- सरकारें दूषित रेत के आयात पर ध्यान दे रही हैं।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के खेलने के लिए उपयोग होने वाली रंगीन रेत में एक हानिकारक पदार्थ मिलने के कारण कई स्कूलों को अचानक बंद करने का निर्णय लिया गया। यह समस्या तब उभरकर सामने आई जब जांच में यह पाया गया कि कुछ रंगीन रेत के पैकेटों में एस्बेस्टस नामक खतरनाक तत्व का अस्तित्व था। एस्बेस्टस एक ऐसा रेशा है जो वायु में मिलकर फेफड़ों में पहुँच सकता है और दीर्घकाल में गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए, स्कूलों में इसे लेकर तुरंत सतर्कता बढ़ा दी गई।
13 नवंबर को न्यूजीलैंड में यह मामला प्रकाश में आया, जिसके तुरंत बाद कार्यवाही की गई। वहीं, 17 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों ने भी इस विषय में सतर्कता दिखाई।
न्यूजीलैंड के 200 से अधिक स्कूलों और बाल देखभाल केन्द्रों ने शिक्षा मंत्रालय से परामर्श मांगा है। खतरा तब दिखा जब कुछ उत्पादों की जांच में ट्रेमोलाइट एस्बेस्टस पाया गया, जो रंगीन रेत में गलती से मिल गया था। जैसे ही यह रिपोर्ट आई, न्यूजीलैंड की सुरक्षा एजेंसियों ने स्कूलों और बच्चों के केन्द्रों को निर्देश दिए कि जहां भी यह रंगीन रेत मौजूद है, उसे तुरंत बंद कर दिया जाए और उस स्थान को सील कर दिया जाए।
इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र के 25 सरकारी स्कूलों ने मंगलवार को अपने दरवाजे बंद करने का फैसला किया, और नौ तस्मानियाई कैथोलिक स्कूलों ने भी बच्चों के खेलने की रेत में एस्बेस्टस होने की आशंका के चलते छात्रों के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद करने का निर्णय लिया। रंगीन रेत के कुछ नमूनों में एस्बेस्टस पाए जाने के बाद इस क्षेत्र में 70 से अधिक स्कूल बंद कर दिए गए। एक ऑडिट में पाया गया कि इस उत्पाद का इस्तेमाल एसीटी के सरकारी स्कूलों में "व्यापक" रूप से हो रहा था।
13 नवंबर 2025 को ऑस्ट्रेलिया की प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता आयोग ने राष्ट्रीय स्तर पर रंगीन रेत के कुछ ब्रांड्स का रिकॉल शुरू कर दिया।
कुछ स्कूलों ने एहतियात के तौर पर बच्चों को घर भेज दिया और स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। विशेषज्ञों को बुलाया गया ताकि वे रेत के नमूने लेकर जांच कर सकें। पिछले सप्ताह भी एसीटी में एक दर्जन से अधिक प्राथमिक और प्रीस्कूल पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद कर दिए गए थे।
न्यूजीलैंड में प्रशासन ने यह भी कहा कि इस रेत को स्वयं हटाने का प्रयास न करें—न झाड़ू लगाएं, न वैक्यूम करें—क्योंकि इससे एसेस्टोस के कण हवा में फैल सकते हैं। इसके बजाय, प्रशिक्षित विशेषज्ञ ही इसे सुरक्षित तरीके से संभालेंगे।
कुछ दुकानों और ब्रांडों ने अपने उत्पादों को वापस मंगवाने (रीकॉल) की घोषणा भी कर दी है। कई पैकेटों को बाजार से हटाया जा रहा है ताकि और कोई स्कूल या घर इस खतरे में न पड़े। प्रशासन का कहना है कि अभी तक किसी बच्चे में गंभीर लक्षण नहीं मिले हैं, लेकिन सावधानी के लिए स्कूल बंद करना और रेत को हटाना एक आवश्यक कदम था।
यह घटना इसलिए गंभीर मानी जा रही है क्योंकि रंगीन रेत छोटे बच्चों के आर्ट-क्लास, खेल और विज्ञान गतिविधियों में अक्सर उपयोग होती है। माता-पिता और स्कूल अब यह देख रहे हैं कि रिपोर्ट्स साफ हों और यह पता चले कि कितने उत्पाद प्रभावित हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि अगली जानकारी आने तक सभी संस्थान रंगीन रेत का उपयोग रोक दें।
न्यूजीलैंड सरकार अब यह समझने की कोशिश कर रही है कि यह दूषित रेत देश में कैसे पहुँची? क्या यह आयात के दौरान गलती हुई या निर्माण में। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि बच्चों के उपयोग वाले सामान की जांच और भी सख्त होनी चाहिए।
फिलहाल स्कूल बंद हैं, जांच जारी है, और माता-पिता को सलाह दी गई है कि यदि उनके घर में भी कोई रंगीन रेत का पैकेट है, तो उसे तुरंत बंद कर किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें और इसके बारे में स्थानीय अधिकारियों को जानकारी दें।
यह मामला और भी गंभीर इसलिए है क्योंकि दोनों ही देशों में एस्बेस्टस के आयात/निर्यात पर प्रतिबंध है।