क्या एससीओ सदस्य देश सतत विकास पर सहयोग को और मजबूत करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- एससीओ सदस्य देशों ने पर्यावरणीय चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने का संकल्प लिया।
- 2025 में एससीओ सतत विकास वर्ष के अवसर पर अनुभवों का आदान-प्रदान होगा।
- हरित प्रौद्योगिकियों और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
बीजिंग, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के पर्यावरण मंत्रियों का छठा सम्मेलन 3 जुलाई को चीन के थिआनचिन शहर में आयोजित किया गया, जिसका विषय था "एससीओ सदस्य देशों के हरित, सतत और कम उत्सर्जन वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग"। इस सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न पक्षों ने "एससीओ सदस्य देशों के पर्यावरण मंत्रियों के छठे सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य" पर हस्ताक्षर किए और "सतत विकास सहयोग को मजबूत करने पर एससीओ के सदस्य देशों की पहल" को पारित किया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
संयुक्त वक्तव्य में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में, वैश्विक पारिस्थितिक और पर्यावरणीय एजेंडा गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। सभी पक्ष 2025 में एससीओ सतत विकास वर्ष के मौके पर पर्यावरण संरक्षण के अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे, और सतत विकास सुनिश्चित करने तथा 2030 सतत विकास एजेंडे के प्रासंगिक पर्यावरणीय लक्ष्यों के कार्यान्वयन में तेजी लाने का प्रयास करेंगे।
पारिस्थितिक पर्यावरण की रक्षा करना और हरित विकास को बढ़ावा देना एससीओ देशों की सामान्य सहमति है। एससीओ सचिवालय के उप महासचिव जनेश केन ने कहा कि इस सम्मेलन में पारित दो महत्वपूर्ण दस्तावेज एससीओ के विभिन्न पक्षों के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगे, जिससे न केवल सभी पक्षों को पर्यावरणीय चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने में मदद मिलेगी, बल्कि वैश्विक हरित विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस सम्मेलन में चीन, बेलारूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अन्य देशों के पर्यावरण विभागों के प्रमुखों ने भाग लिया। उन्होंने हरित प्रौद्योगिकियों, सतत और कम उत्सर्जन विकास सहयोग तंत्र, प्रदूषण के मुद्दों का मुकाबला, अपशिष्ट प्रबंधन और अन्य पारिस्थितिक और पर्यावरण संरक्षण क्षेत्रों में सहयोग पर गहन विचारों का आदान-प्रदान किया।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)