क्या सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करने वाला ऐतिहासिक प्रस्ताव मंजूर किया?

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क्या सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करने वाला ऐतिहासिक प्रस्ताव मंजूर किया?

सारांश

क्या सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की गाजा शांति योजना को मंजूरी दी? यह ऐतिहासिक प्रस्ताव न केवल शांति की दिशा में एक कदम है, बल्कि इसमें फिलिस्तीन के स्वतंत्र राष्ट्र बनने का भी मार्ग प्रशस्त किया गया है। जानिए इस प्रस्ताव के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की गाजा शांति योजना को मंजूरी दी।
  • इस प्रस्ताव के माध्यम से गाजा में अंतरराष्ट्रीय बल भेजने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र बनने का रास्ता खोला गया।
  • रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ आपत्ति जताई लेकिन मतदान में शामिल नहीं हुआ।
  • आईएसएफ का गठन गाजा के स्थिरीकरण के लिए महत्वपूर्ण होगा।

संयुक्त राष्ट्र, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को स्वीकृति दी गई। इस स्वीकृति के बाद अब गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय बल भेजने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जिससे युद्ध से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और व्यवस्था स्थापित की जा सकेगी।

यह निर्णय ट्रंप के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। प्रस्ताव में ट्रंप द्वारा नेतृत्व किए गए “बोर्ड ऑफ़ पीस” (बीओपी) को गाजा की अंतरिम प्रशासनिक संस्था के रूप में मान्यता दी गई है, ताकि दो वर्षों से चल रहे संकट के बाद वहाँ सामान्य स्थिति बहाल हो सके।

संयुक्त राष्ट्र के आलोचक ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्वीकृति होगी, जो विश्वभर में शांति को प्रोत्साहित करेगी और इसे एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में दर्ज किया जाएगा।

इस प्रस्ताव की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह फिलिस्तीन को अपने स्वतंत्र राष्ट्र बनने का मार्ग प्रशस्त करता है, जबकि ट्रंप प्रशासन पहले इसका विरोध करता रहा था। सुरक्षा परिषद ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए ट्रंप की पूरी 20 सूत्रीय योजना को प्रस्ताव में शामिल किया।

रूस ने इस पर आपत्ति दर्ज की थी और अपना अलग प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन जब अरब और मुस्लिम देशों ने अमेरिकी योजना का समर्थन किया, तो रूस ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया और मतदान में भाग नहीं लिया। इससे अमेरिकी प्रस्ताव पारित हो गया।

अल्जीरिया के स्थायी प्रतिनिधि अमर बेंडजामा ने कहा कि उच्चतम स्तर पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण और मुस्लिम और अरब देशों ने अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि स्थायी शांति तभी संभव है जब फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा मिल जाए।

महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि अब ज़मीन पर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा मानवीय सहायता बढ़ाने और गाजा में बिना रोक-टोक प्रवेश की मांग भी रखी गई है।

चीन ने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जबकि बाकी 13 देशों ने समर्थन दिया। सुरक्षा परिषद में अल्जीरिया ही एकमात्र अरब देश है।

अब, जब गाजा में युद्धविराम लागू है, ट्रम्प योजना के अगले चरण में “अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल” (आईएसएफ) भेजने की आवश्यकता होगी, जो हमास को निशस्त्र करेगा, कानून-व्यवस्था स्थापित करेगा और फिलिस्तीन सुरक्षा बल को प्रशिक्षित करेगा।

आईएसएफ संयुक्त राष्ट्र का शांति मिशन नहीं होगा और न ही परिषद को रिपोर्ट करेगा, जो बीजिंग और मास्को के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा कई वर्षों से फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की मांग करती रही है। हाल ही में फ्रांस, ब्रिटेन और कुछ पश्चिमी देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की, जबकि अमेरिका ने इस पर भिन्न रुख रखा।

प्रस्ताव में विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को गाजा के पुनर्निर्माण में योगदान देने का ढाँचा भी शामिल है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सुरक्षा परिषद का यह निर्णय वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। इस प्रस्ताव के माध्यम से, फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की दिशा में एक कदम बढ़ाया गया है। हालांकि, स्थायी शांति के लिए वास्तविकता में क्या परिवर्तन होंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की गाजा शांति योजना को क्यों मंजूरी दी?
यह मंजूरी गाजा में शांति और स्थिरता स्थापित करने के उद्देश्य से दी गई है।
इस प्रस्ताव में क्या खास है?
इसमें फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र बनने का मार्ग प्रशस्त करने का उल्लेख है।
इस प्रस्ताव का समर्थन किन देशों ने किया?
अरब और मुस्लिम देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि रूस ने आपत्ति जताई।
अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (आईएसएफ) का उद्देश्य क्या है?
आईएसएफ का उद्देश्य गाजा में कानून-व्यवस्था स्थापित करना और हमास को निशस्त्र करना है।
यह प्रस्ताव फिलिस्तीन के लिए क्या मायने रखता है?
यह प्रस्ताव फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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