क्या सीरियाई और इजरायली अधिकारियों ने स्थिरता बढ़ाने पर बातचीत की?

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क्या सीरियाई और इजरायली अधिकारियों ने स्थिरता बढ़ाने पर बातचीत की?

सारांश

सीरियाई विदेश मामलों के प्रमुख असद हसन अल-शिबानी ने इजरायली प्रतिनिधिमंडल के साथ पेरिस में मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दक्षिणी सीरिया में तनाव कम करना और स्थिरता को बढ़ाना था। जानिए इस महत्वपूर्ण वार्ता में किन मुद्दों पर हुई चर्चा और इसका क्षेत्रीय प्रभाव क्या होगा।

Key Takeaways

  • सीरिया और इजरायल के अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण वार्ता हुई।
  • दक्षिणी सीरिया में स्थिरता बढ़ाने के प्रयास।
  • 1974 के समझौते को फिर से सक्रिय करने का प्रयास।
  • जॉर्डन के साथ एक कार्य समूह बनाने पर सहमति।
  • संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक बल द्वारा बफर जोन की निगरानी।

दमिश्क, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सीरिया के विदेश मामलों के प्रमुख असद हसन अल-शिबानी ने पेरिस में इजरायली प्रतिनिधिमंडल के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दक्षिणी सीरिया में तनाव कम करना और वहां की स्थिरता को बढ़ावा देना था। इस बारे में जानकारी सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी 'सना' ने दी है।

सना के अनुसार, अल-शिबानी और इजरायली प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत में तीन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई: दक्षिणी सीरिया में तनाव को कम करना, सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचना और 1974 के समझौते को फिर से सक्रिय करना, जो कई दशकों से सीमा पर लागू है। दोनों पक्षों ने सुईदा प्रांत जैसे विवादास्पद क्षेत्रों में युद्धविराम की निगरानी के तरीकों पर भी चर्चा की।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सना के हवाले से बताया कि यह बैठक अमेरिका की मध्यस्थता में आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य सीरिया की क्षेत्रीय एकता की रक्षा करना और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना था। यह एक बड़े कूटनीतिक प्रयास का हिस्सा है।

इस महीने की शुरुआत में, अल-शिबानी ने अम्मान में जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी और सीरिया मामलों पर अमेरिका के विशेष दूत थॉमस बैरक से मुलाकात की। रिपोर्ट के अनुसार, तीनों नेताओं ने एक सीरियाई-जॉर्डन-अमेरिकी वर्किंग ग्रुप बनाने पर सहमति जताई। इस समूह का उद्देश्य सुईदा में युद्धविराम बनाए रखने के लिए दमिश्क के प्रयासों को समर्थन देना और सीरिया में जारी संकट का व्यापक समाधान खोजना है।

दिसंबर में बशर अल-असद की सरकार के गिरने के बाद, इजरायल ने अपनी जमीनी सेना को उस बफर जोन (सीमा क्षेत्र) में तैनात कर दिया, जो इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स और सीरिया के बीच एक असैन्य क्षेत्र है।

बफर जोन की निगरानी संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक बल द्वारा की जाती है, जिसकी स्थापना 1974 के समझौते के तहत की गई थी। बाद में इजरायल ने माउंट हरमोन के उस हिस्से पर कब्जा कर लिया, जो सीरिया के नियंत्रण में था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सीरिया और इजरायल के बीच संवाद का बढ़ता स्तर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि यह बातचीत विवादों को कम करने और शांति स्थापित करने में सहायक होगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सीरिया और इजरायल की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
बैठक का मुख्य उद्देश्य दक्षिणी सीरिया में तनाव कम करना और स्थिरता को बढ़ावा देना था।
इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई?
दक्षिणी सीरिया में तनाव कम करना, सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचना और 1974 के समझौते को फिर से सक्रिय करना।