क्या जापान के सत्तारूढ़ गठबंधन में टूटने से ताकाइची का पीएम बनने का सपना अधर में लटक गया?

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क्या जापान के सत्तारूढ़ गठबंधन में टूटने से ताकाइची का पीएम बनने का सपना अधर में लटक गया?

सारांश

जापान के सत्तारूढ़ गठबंधन के टूटने के बाद साने ताकाइची की प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं संदेह में हैं। क्या इस बदलाव से राजनीतिक परिदृश्य में उथल-पुथल आएगी? जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • ताकाइची की पीएम बनने की संभावनाएं अब संदेह में हैं।
  • कोमेइतो का अलग होना सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए बड़ा झटका है।
  • जापान की राजनीति में उथल-पुथल की संभावना।
  • विपक्ष के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।
  • आर्थिक नीतियों पर ध्यान देना जरूरी है।

टोक्यो, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या साने ताकाइची जापान की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगी, इस पर अब सवाल उठने लगे हैं। यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जापान का सत्तारूढ़ गठबंधन शुक्रवार को अपने सहयोगी कोमेइतो के अलग होने से टूट गया है, जो कि पिछले 26 वर्षों से साथ था। अब इस गठबंधन के टूटने से ताकाइची के देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं。

जापानी मीडिया के अनुसार, यह घोषणा ताकाइची के लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के पांचवें नेता बनने के एक हफ्ते से भी कम समय बाद हुई है, जिन्हें असंतुष्ट मतदाताओं को अपने पाले में लाने का कार्य सौंपा गया था।

जापान टाइम्स ने बताया कि कोमेइतो पार्टी के प्रमुख तेत्सुओ सैतो ने इसका मुख्य कारण एलडीपी द्वारा राजनीतिक दलों की फंडिंग के नियमों को कड़ा न करने को बताया।

यह एलडीपी के भीतर पिछले साल सामने आए एक घोटाले के बाद हुआ है, जिसमें धन उगाहने वाले कार्यक्रमों के टिकटों की बिक्री से संबंधित लाखों डॉलर के संदिग्ध भुगतान शामिल थे।

इस खुलासे के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, और एलडीपी के कई गुट भंग हो गए।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ताकाइची ने इस घोटाले में फंसे कोइची हागिउदा को पार्टी के एक वरिष्ठ पद पर नियुक्त कर दिया, जो कोमेइतो को पसंद नहीं आया।

कोमेइतो की शुरुआत 1950 के दशक में सोका गक्काई की राजनीतिक शाखा के रूप में हुई थी, जो बौद्ध संप्रदाय से संबद्ध एक बड़ा गैर-धार्मिक संगठन है।

कई सदस्यों ने ताकाइची के बारे में चिंता व्यक्त की है, जिन्होंने कट्टर रूढ़िवादी नीतियों को बढ़ावा दिया है और युद्ध से जुड़े यासुकुनी तीर्थस्थल की नियमित आगंतुक रही हैं।

टोक्यो स्थित यह तीर्थस्थल युद्ध में मारे गए सभी जापानी नागरिकों को श्रद्धांजलि देता है, जिनमें दोषी ठहराए गए युद्ध अपराधी भी शामिल हैं।

यासुकुनी की आखिरी यात्रा, जो किसी वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी—ताकाइची के गुरु, दिवंगत शिंजो आबे द्वारा - 2013 में, चीन और दक्षिण कोरिया में रोष उत्पन्न हुआ था।

एलडीपी-कोमेइतो गठबंधन 1999 से लगभग लगातार शासन कर रहा है, लेकिन नकारात्मक चुनाव परिणामों के बाद, अब संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में है।

इससे कानून पारित करना मुश्किल हो गया है, जिसके लिए विपक्ष के समर्थन की आवश्यकता होती है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि ताकाइची गठबंधन का विस्तार करके डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल (डीपीपी) को भी इसमें शामिल करना चाहती थीं क्योंकि उसकी आर्थिक नीतियां उनकी नीतियों से मेल खाती हैं।

हालांकि, डीपीपी प्रमुख युइचिरो तामाकी ने शुक्रवार को कोमेइतो के समर्थन की पुष्टि की।

एलडीपी और डीपीपी दोनों मिलकर भी निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 233 सीटों से पीछे रह जाएंगे।

संसद द्वारा नियुक्त होने के लिए ताकाइची को अपने पक्ष में बहुमत की आवश्यकता है, जो संख्याबल को देखते हुए मुश्किल लगता है।

हालांकि, उन्हें अन्य दलों द्वारा अधिक समर्थन वाले वैकल्पिक उम्मीदवार पर सहमति बनाने से मदद मिल सकती है।

अब जबकि कोमेइतो ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के साथ अपना गठबंधन भंग कर दिया है, मुख्य विपक्षी दल कॉन्स्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान (सीडीपी) प्रधानमंत्री पद के लिए संभावित एकीकृत विपक्षी उम्मीदवार के लिए कोमेइतो का समर्थन लेने के लिए तैयार है।

Point of View

साने ताकाइची की प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं संदेह में हैं। यह स्थिति न केवल ताकाइची के लिए, बल्कि देश की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

ताकाइची कौन हैं?
साने ताकाइची जापान के लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हैं और वे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद कर रही थीं।
कोमेइतो पार्टी का क्या महत्व है?
कोमेइतो पार्टी जापान के सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जो पिछले 26 वर्षों से एलडीपी के साथ मिलकर शासन कर रही थी।
ताकाइची की प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं क्या हैं?
गठबंधन के टूटने से उनकी प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं अब संदेह में हैं, क्योंकि उन्हें बहुमत की आवश्यकता है।
जापान में राजनीतिक स्थिरता का क्या होगा?
सत्तारूढ़ गठबंधन के टूटने से जापान की राजनीतिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या अन्य दलों का समर्थन ताकाइची को मिल सकता है?
ताकाइची को अन्य दलों के समर्थन की आवश्यकता होगी, लेकिन यह संभव नहीं लगता।