क्या ट्रंप ने भारत और रूस को खोने का दर्द बयां किया है, और चीन को निशाना बनाया है?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने भारत और रूस को खोने का दुःख व्यक्त किया।
- चीन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई गई।
- अमेरिकी विदेश नीति और वैश्विक समीकरणों का प्रभाव।
- भारत और रूस के बीच बढ़ते रिश्तों का संदर्भ।
- ट्रंप ने चीन की नीतियों की आलोचना की।
वॉशिंगटन, ५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के संबंध में सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर अपनी चिंताओं का इजहार किया है।
ट्रंप ने ट्रूथ पर अपने पोस्ट में लिखा, “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, अंधेरे चीन के हाथों खो दिया है। मैं उन्हें एक लंबा और समृद्ध भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।”
उनका यह बयान अमेरिकी विदेश नीति और वैश्विक समीकरणों से जुड़ा हुआ है। ट्रंप ने पहले भी चीन की नीतियों और उसके बढ़ते प्रभाव पर आलोचना की है।
भारत और रूस के बीच बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इससे पहले, ट्रंप ने चीन, रूस और उत्तर कोरिया पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने बीजिंग में आयोजित एक भव्य सैन्य परेड पर सवाल उठाया, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को अमेरिका के खिलाफ “साजिश रचने वाला” कहा।
ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया मिलकर अमेरिका के खिलाफ काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या चीन उन अमेरिकी सैनिकों को याद करेगा, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी कब्जे से मुक्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की ८०वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई थी।
ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हवाले खो दिया है। उन्हें एक लंबा और समृद्ध भविष्य मुबारक हो।”