क्या ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, ट्रंप क्यों नहीं देने वाले?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने ईरान के साथ बातचीत से इनकार किया है।
- अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को नष्ट किया।
- ओबामा के समय के विपरीत, ट्रंप ने कोई वित्तीय सहायता नहीं देने का निर्णय लिया है।
- ईरान ने अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाकर प्रतिक्रिया दी।
- भविष्य की कूटनीतिक स्थिति अभी भी अस्पष्ट है।
वाशिंगटन, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। क्या अमेरिका भविष्य में ईरान पर हमला करेगा? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विषय पर कोई स्पष्टता नहीं दी है। ईरान के उप-विदेश मंत्री ने अमेरिका के साथ किसी भी संभावित कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्तें रखी हैं। इस संदर्भ में ट्रंप ने घोषणा की है कि वह ईरान से बातचीत नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर कहा, "मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की तरह नहीं, जिन्होंने परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो चुका है) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया। मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।"
ट्रंप ने शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने ईरान को 30 बिलियन डॉलर की सहायता देने की चर्चा की थी।
रविवार को 'बीबीसी' से बात करते हुए माजिद तख्त-रवांची ने कहा कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भविष्य के हमलों पर स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत में रुचि रखता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस कदम के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में शामिल हो गया था।
इसके जवाब में, ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।