क्या मेलिसा तूफान के बाद कैरिबियाई देशों की मदद में जुटे हैं यूएन और सहयोगी संगठन?
सारांश
Key Takeaways
- संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी संगठन राहत कार्य में जुटे हैं।
- तूफान मेलिसा ने क्यूबा, हैती, और जमैका में बड़ी तबाही मचाई।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग जीवनरेखा साबित हो रहा है।
- तत्काल राहत की आवश्यकता है।
- स्थानीय सरकारें भी राहत कार्य में सहयोग कर रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र और इसके सहयोगी तूफान मेलिसा के बाद राहत सामग्री पहुंचाने और मदद को समन्वयित करने के लिए तेजी से प्रयास कर रहे हैं। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की मानवीय संस्था ओसीएचए ने साझा की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओसीएचए ने बताया कि जमैका, क्यूबा और हैती में लाखों लोग इस तूफान से प्रभावित हुए हैं और उन्हें तुरंत मदद की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक टॉम फ्लेचर ने कहा, "इस समय अंतरराष्ट्रीय सहयोग केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि एक जीवनरेखा है।"
क्यूबा के पूर्वी हिस्सों से गुजरे तूफान मेलिसा ने सैंटियागो, होलगुइन, ग्रान्मा और ग्वांतानामो में भयानक तबाही मचाई है। कई क्षेत्र अभी भी कटे हुए हैं और सड़कों, रेल और हवाई मार्गों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
ओसीएचए ने कहा कि वह एक कार्य योजना तैयार कर रहा है ताकि राहत कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके। इसके लिए एक टीम मौके पर भेजी गई है और लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन क्षेत्रीय कार्यालय से भी सहायता मिल रही है।
जमैका में सरकार स्वयं राहत कार्यों का नेतृत्व कर रही है और ओसीएचए कैरेबियन आपदा आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी की टीमों के साथ मिलकर जरूरतों का आकलन कर रही है। खाद्य एवं कृषि संगठन, यूनिसेफ, यूएन जनसंख्या कोष और अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन भी इन प्रयासों में शामिल हैं।
हैती में, जहां पहले से ही मानवता और हिंसक संकट का सामना करना पड़ रहा है, संयुक्त राष्ट्र की टीमें सरकार के साथ मिलकर आश्रय, भोजन, आवश्यक सामान और नकद सहायता जैसी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रही हैं।
कैरेबियाई क्षेत्र के कुछ हिस्सों में इस सदी का सबसे भयंकर तूफान कहे जाने वाले मेलिसा ने भयंकर तबाही मचाई है। ताजा अपडेट के अनुसार, इस भीषण तूफान में दर्जनों लोगों की जान गई है। इस तबाही के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहायता की पेशकश की गई है।