क्या योग आत्मा की शुद्धि, चित्त की स्थिरता और जीवन में संतुलन स्थापित करता है?

सारांश
Key Takeaways
- योग आत्मा की शुद्धि का माध्यम है।
- चित्त की स्थिरता जीवन में संतुलन लाती है।
- योग का अभ्यास वैश्विक स्वास्थ्य का प्रतीक है।
- यह हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर है।
- योग को जीवन का हिस्सा बनाना स्वस्थ भारत की दिशा में कदम है।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, देश और दुनिया के अनेक लोग योगाभ्यास में जुटे हैं। इस वर्ष की थीम है "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"। इस खास दिन पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने लोगों को बधाई दी है। ओम बिरला ने योग को केवल शरीर के लिए नहीं, बल्कि मन के लिए भी आवश्यक बताया।
ओम बिरला ने एक्स पर लिखा, “न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः प्राप्तस्य योगाग्रिमयं शरीरम्। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।”
योग सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने का साधन नहीं है, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि, चित्त की स्थिरता और जीवन के हर पहलू में संतुलन स्थापित करने की एक प्राचीन भारतीय परंपरा है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो आज पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, शांति और समरसता की ओर ले जा रही है। आज योग एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, जिसे करोड़ों लोग अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" है, जो हमारे लोकवाक्य "सर्वे संतु निरामयाः" की भावना से प्रेरित है।
ओम बिरला ने आगे कहा, "इस अवसर पर आइए, हम 'स्वयं और समाज के लिए योग' की भावना को अपनाएं, खुद योग से जुड़ें और अपने आस-पास के लोगों को भी इस दिव्य मार्ग पर प्रेरित करें। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मैं समस्त मानव जाति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक निरामय के साथ वैश्विक शांति एवं कल्याण की कामना करता हूँ।"
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी एक्स पर एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए लिखा, "योग केवल कसरत नहीं है - यह एक अभ्यास है। सांस, संतुलन और गति के माध्यम से हम खुद से जुड़ते हैं। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।"
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी मानसिक और आध्यात्मिक उन्नयन के लिए इसे आवश्यक बताते हुए एक्स पर लिखा, "सभी प्रदेशवासियों एवं योग साधकों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। भारत की ऋषि परंपरा ने मानसिक और आध्यात्मिक उन्नयन के साथ शरीर को भी स्वस्थ रखने के लिए योग विद्या दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व कल्याण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग का प्रचार कर विश्व बंधुत्व की भावना को मजबूत किया है।"
आइए, हम सभी योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और "स्वस्थ भारत - समर्थ भारत" की दिशा में योगदान दें।