क्या तेजस्वी का '20 महीने में नौकरी' का वादा झूठा है? मुख्तार अब्बास नकवी का कड़ा जवाब

सारांश
Key Takeaways
- मुख्तार अब्बास नकवी का तेजस्वी यादव पर करारा जवाब।
- तेजस्वी का '20 महीने में नौकरी' का वादा विवाद में है।
- राजनीतिक माहौल सकारात्मक है।
- ममता बनर्जी के विरोध पर भी टिप्पणी की गई।
- आजम खान को पार्टी में समन्वय रखने की सलाह।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रमुख नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के '20 महीने में हर परिवार को नौकरी' के दावे पर तीखा प्रतिवाद किया है। नकवी ने तेजस्वी को कुशासन और करप्शन का हिस्ट्रीशीटर बताते हुए कहा कि ऐसे लोग सत्ता में नहीं आ सकते।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि कुशासन और करप्शन के इतिहास वाले लोग जब कन्फ्यूजन और कांस्पिरेसी लेकर आएंगे, तो उन्हें कौन स्वीकार करेगा? अगर चार्जशीट चाहिए, तो अपने छह दशकों के दागी इतिहास की बात भी होनी चाहिए। इससे बात काफी दूर तक जाएगी। यह समझना जरूरी है कि इस प्रकार की फेक और फैब्रिकेटेड कहानियों से सत्ता में नहीं पहुँच सकते। आज बिहार और देश का माहौल बहुत सकारात्मक है। इसका परिणाम हाल के चुनावों में भाजपा और एनडीए के लिए सकारात्मक रहा है।
एसआईआर को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध पर उन्होंने कहा कि ममता, कांग्रेस या अन्य सभी को इस काल्पनिक कन्फ्यूजन से दूर रहना चाहिए। कभी सीएए को लेकर भ्रम फैलाते हैं, कभी एनआरसी को लेकर। ये सभी बातें एक के बाद एक चलती रहती हैं। नागरिकता और मतदाता अधिकार समाप्त होने का डर केवल फूकी हुई बंदूकें हैं।
तालिबान के वित्त मंत्री के भारत दौरे पर नकवी ने कहा कि भारत के लिए राष्ट्रीय हित हमेशा सर्वोपरि है। देश की समृद्धि और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। असदुद्दीन ओवैसी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर दिए बयान पर भाजपा नेता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दशकों से राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पूर्व सांसद आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद पार्टी सांसदों के बीच मनमुटाव पर उन्होंने कहा कि यह उनका आपसी मामला है। आजम खान को नेताओं के बीच समन्वय रखना चाहिए। मैं उन्हें यही सलाह दूंगा कि वे अपना घर छोड़कर कहीं न जाएं।
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना पर उन्होंने कहा कि उनकी रैली में जो कहा गया, उसकी राजनीतिक प्रतिक्रिया पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि मायावती को वह चोट अभी भी याद है।