सिंहावलोकन 2025: क्या विजय रूपाणी से शिवराज पाटिल तक, इस साल ने कई राजनेताओं को छीन लिया?
Key Takeaways
- विजय रूपाणी का निधन अहमदाबाद विमान हादसे में हुआ।
- शिवराज पाटिल ने गृह मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण कार्य किया।
- शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की।
- सत्यपाल मलिक ने कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में कार्य किया।
- वीएस अच्युतानंदन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के संस्थापक सदस्य थे।
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 भारतीय राजनीति के लिए एक गहरे सदमे का समय रहा है। इस वर्ष में देश ने कई प्रमुख नेताओं को खोया है। इनमें विजय रूपाणी, शिबू सोरेन और शिवराज पाटिल शामिल हैं, जिन्होंने अपने-अपने समय में राजनीति को नई दिशा दी और जनसेवा की एक मिसाल कायम की।
इस महीने की 12 तारीख को, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और 12 दिसंबर को महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने आवास पर उनका निधन हुआ। शिवराज पाटिल ने 2004 से 2008 तक देश के गृह मंत्री के रूप में आंतरिक सुरक्षा का कार्यभार संभाला। इसके पूर्व, वे 1991 से 1996 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी सेवाएं दीं। अपने लंबे राजनीतिक करियर में, वे कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे।
दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा का 30 सितंबर को एम्स में निधन हुआ। उन्होंने अपना जीवन दिल्ली के लोगों के लिए समर्पित किया। वे 1972 में दिल्ली प्रदेश जनसंघ के सदस्य बने और दो बार भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष रहे।
झारखंड राज्य के आंदोलन के प्रमुख नेता शिबू सोरेन का भी इसी वर्ष निधन हुआ। वे आदिवासी समुदाय की आवाज बनकर उभरे और 'गुरुजी' के नाम से प्रसिद्ध रहे। शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की स्थापना की। 81 वर्ष की आयु में, उन्होंने किडनी की बीमारी से संघर्ष करते हुए 4 अगस्त को अंतिम सांस ली।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन 5 अगस्त को हुआ। 79 वर्षीय सत्यपाल मलिक ने मेघालय, जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में राज्यपाल के रूप में कार्य किया। अनुच्छेद 370 के हटने के समय वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।
21 जुलाई को, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ वामपंथी नेता वीएस अच्युतानंदन का निधन हुआ। 101 वर्ष की उम्र में, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के संस्थापक सदस्य थे और 2006 में केरल के मुख्यमंत्री बने थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सख्त छवि और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर उनकी स्पष्ट राय ने उन्हें एक विशेष पहचान दी।
वहीं, 12 जून को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन अहमदाबाद विमान दुर्घटना में हुआ। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य में विकास और प्रशासनिक सुधारों को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की।