क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने अलग पहचान बनाई है?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
- योग को वैश्विक पहचान मिली है।
- भारत की वैज्ञानिक परंपरा का महत्व।
- अंगदान को महादान माना गया है।
- छात्रों को प्रेरित किया गया है।
भोपाल, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान के सहारे प्रधानमंत्री मोदी हमारी सेना को प्रेरित करते हैं, जिससे पाकिस्तान को भी मजबूती से जवाब दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने का कार्य किया है। यह बहुत सुखद है जब साइबेरिया की बर्फीली पहाड़ियों पर लोग योग करते हुए दिखाई देते हैं। चीन से लेकर पाकिस्तान तक हर कोई योग कर रहा है। योग दिवस पर तो पाकिस्तान के लोग भी योग करते हुए संयोग से ही सही, भारत को नमस्कार करते हैं।
भारतीय विज्ञान की परंपरा पर चर्चा करते हुए मोहन यादव ने कहा कि ऋषि और मुनि के बीच का अंतर समझना आवश्यक है। जब हम इन दोनों शब्दों का अर्थ समझेंगे, तो हमारी वैज्ञानिक परंपरा को समझना आसान हो जाएगा। मुनि विवाह नहीं करते, लेकिन ऋषि न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ जंगलों में अध्ययन करते हैं।
उन्होंने भारत के प्राचीन ज्ञान की बात करते हुए कहा कि वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा, अर्थात् हमारे पास लाखों सूर्यों की रोशनी है। यह ज्ञान सनातन संस्कृति के माध्यम से भारतीयों को प्राप्त है। अंगदान को महादान माना जाता है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जो अंगदान करता है, हम उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' देकर इस भाव को पहचानते हैं। अंगदान से कई जीवनों की रक्षा होती है। छात्रों को भविष्य में महान व्यक्तित्व बनने की शुभकामना देते हुए उन्होंने कहा कि आज मैं आपके बीच उन प्रतिभाओं को देख रहा हूं जैसे वराह मिहिर, आर्यभट्ट, भाभा, विक्रम साराभाई और कलाम साहब। मंगल मिशन के असफल होने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने स्वयं जाते हैं। विद्या, तर्क, विज्ञान, स्मृति, तत्परता और क्रियाशीलता के इन 6 गुणों के आधार पर विज्ञान की गति को आगे बढ़ाया जा सकता है।