क्या 94 साल की उम्र में बीकानेर की पानी देवी गोदारा ने 4 गोल्ड मेडल जीतकर नया मील का पत्थर स्थापित किया?
सारांश
Key Takeaways
- पानी देवी गोदारा ने 94 वर्ष की उम्र में चार गोल्ड मेडल जीते।
- उनकी अनुशासित जीवनशैली ने उनकी सफलता में योगदान दिया।
- उम्र केवल एक संख्या है, दृढ़ संकल्प से सब कुछ संभव है।
- महिलाओं के लिए यह प्रेरणा का स्रोत है।
- फिटनेस पर ध्यान देना सभी की जिम्मेदारी है।
बीकानेर, 20 मार्च (राष्ट्र प्रेस)। 94 वर्षीय एथलीट पानी देवी गोदारा ने एक बार फिर दिखा दिया है कि दृढ़ संकल्प की कोई सीमा नहीं होती। चेन्नई में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में, पानी देवी गोदारा ने विभिन्न स्पर्धाओं में चार स्वर्ण पदक जीतकर न केवल बीकानेर, बल्कि पूरे राजस्थान का नाम रोशन किया है।
पानी देवी गोदारा, जिन्हें 'गोल्डन ग्रैंडमा' के नाम से भी जाना जाता है, ने अपनी शानदार फिटनेस और खेल की क्षमताओं को साबित करते हुए 100 मीटर दौड़, डिस्कस थ्रो, शॉटपुट और भाला फेंक में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इस प्रकार, उन्होंने चार स्वर्ण पदक अपने नाम किए।
इससे पहले, मार्च में पानी देवी गोदारा ने बेंगलुरु में आयोजित 45वीं राष्ट्रीय मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉट पुट, 100 मीटर दौड़ और डिस्कस थ्रो में भी गोल्ड मेडल जीते थे।
पानी देवी की इन उपलब्धियों ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है। उनकी उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि बढ़ती उम्र के बावजूद, उनका एथलेटिक्स के प्रति उत्साह और समर्पण अटूट है।
बीकानेर की चौधरी कॉलोनी में रहने वाली पानी देवी अपने जुनून को घर की जिम्मेदारियों के साथ जोड़ती हैं। वह रोजाना अपनी गायों और भैंसों की देखभाल करती हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करती हैं। अनुशासित जीवनशैली और अथक परिश्रम ने उनकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस उम्र में पदक जीतना पानी देवी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह सभी के लिए, विशेषकर महिलाओं के लिए, एक प्रेरणा भी है। संदेश यह है कि महिलाओं और पुरुषों को फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने चाहिए।