क्या आपातकाल का विरोध करने वाले आज कांग्रेस की गोद में खेल रहे हैं? : सम्राट चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय माना गया है।
- सम्राट चौधरी ने कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
- बिहार सरकार 12 लाख नौकरियों की पेशकश कर रही है।
- आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए 101 वास्तुविदों को नियुक्त किया गया।
- कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
पटना, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सम्राट चौधरी ने बुधवार को आपातकाल के 50 साल पूरे होने के अवसर पर इसे लोकतंत्र का काला अध्याय बताया। उन्होंने राजद पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग आपातकाल के विरोध में आंदोलन का हिस्सा थे, वे आज कांग्रेस की गोद में कैसे खेल सकते हैं, यह विचारणीय है।
पत्रकारों से बातचीत में सम्राट चौधरी ने 1975 के आपातकाल को याद करते हुए इसे देश के संवैधानिक इतिहास का सबसे दुखद समय बताया। सहायक वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है कि बिहार विधानसभा चुनाव तक हम 12 लाख लोगों को नौकरी देंगे और सरकार इस पर कार्यरत है।
उन्होंने कहा कि आज सभी विभागों के 101 वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। इससे आधारभूत संरचना को और सुदृढ़ किया जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आपातकाल को लेकर कहा कि आज पूरा देश समझता है कि कांग्रेस ने उस समय क्या किया था। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या और दुर्भाग्य का दिन बताया।
इधर, बिहार के मंत्री संतोष सिंह ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कहा कि आने वाली पीढ़ी को यह बताना अत्यंत आवश्यक है कि कांग्रेस का चाल चरित्र क्या था। आज ही के दिन लोकतंत्र में संविधान का गला घोंट दिया गया था। लोकतंत्र में आज से बड़ा कोई काला दिन नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश के संविधान से कोई मतलब नहीं है। ये लोग देश को बांटने वाले हैं। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से भी इन्हें कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ये इटली वाले लोग हैं जो भारत का कभी शुभ नहीं सोच सकते। ये लोग कभी देश के संविधान पर विश्वास नहीं कर सकते।