क्या मानसून में गुनगुना पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है?

सारांश
Key Takeaways
- गुनगुना पानी
- यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
- स्किन की समस्याओं में राहत देता है।
- नियमित सेवन से मांसपेशियों की जकड़न कम होती है।
- सुबह खाली पेट पीने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है।
नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही मानसून अपने आगमन की सूचना देता है, वह मौसम में नमी और ह्यूमिडिटी के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों का कारण बनने वाले वायरस और बैक्टीरिया भी लाता है। ऐसे में गुनगुना पानी पीने की आदत आपके स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच साबित हो सकती है।
उष्णं जलं पचति आमं तेन रोगा न जायते। इस श्लोक के अनुसार, गर्म पानी शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को पचाता है, जिससे रोगों की संभावना कम होती है।
चरक संहिता के अनुसार, मानसून के दौरान शरीर की पाचन अग्नि धीमी हो जाती है। इस कारण जो खाद्य पदार्थ हम खाते हैं, वह सही तरीके से नहीं पचते और शरीर में टॉक्सिन्स का निर्माण होने लगता है। ये टॉक्सिन्स पसीने और मूत्र के माध्यम से बाहर निकलते हैं और इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं, जिससे सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
मानसून में नमी के कारण गले में खराश, कफ और विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन हो सकते हैं। ऐसे में गुनगुना पानी पीने से इन समस्याओं से राहत मिलती है और इन्फेक्शन को दूर करने में मदद मिलती है। मानसून के दौरान नमी के कारण शरीर में अक्सर जकड़न महसूस होती है। रोजाना गुनगुना पानी पीने से मांसपेशियों में होने वाली जकड़न कम होती है और आराम मिलता है।
आयुर्वेद के अनुसार, गुनगुना पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे स्किन पर होने वाले कील-मुहांसे की समस्या से राहत मिलती है और स्किन चमकदार और स्वस्थ दिखाई देने लगती है।
सुश्रुत संहिता के अनुसार, सुबह खाली पेट खाना खाने से आधे घंटे पहले, खाने के आधे घंटे बाद और रात में सोने से पहले गुनगुना पानी पीना चाहिए। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है और मल त्याग में आसानी होती है। वहीं, खाने से आधा घंटे पहले पानी पीने से पाचन बेहतर होता है।
खाना खाने के आधे घंटे बाद दो-तीन ग्लास पानी पीने से खाना आसानी से पचता है, और रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीने से अच्छी नींद आती है।