क्या है 'फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम', जिस पर रजनीश दुग्गल की शॉर्ट फिल्म बनी है?

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क्या है 'फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम', जिस पर रजनीश दुग्गल की शॉर्ट फिल्म बनी है?

सारांश

फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम एक अनुवांशिक स्थिति है, जिसे समझना और जागरूकता फैलाना आवश्यक है। रजनीश दुग्गल की शॉर्ट फिल्म 'फ्रेजाइल' इस सिंड्रोम पर आधारित है, जिसे इटली में प्रदर्शित किया गया। जानें इसके लक्षण और प्रभाव।

Key Takeaways

  • फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम एक अनुवांशिक स्थिति है।
  • इसमें बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होता है।
  • थेरेपी से जीवन में सुधार संभव है।
  • लड़कियाँ भी प्रभावित हो सकती हैं, पर लक्षण कम होते हैं।
  • बचपन में सही पहचान महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। अतीत में, किसी बीमारी या शारीरिक समस्या के बारे में जानकारी देने के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का सहारा लिया जाता था। समय के साथ, हिंदी सिनेमा ने इस दिशा में कदम बढ़ाया और कई गंभीर बीमारियों को आम जनता के सामने लाया। इसी कड़ी में अभिनेता रजनीश दुग्गल की शॉर्ट फिल्म 'फ्रेजाइल' शामिल है, जिसे इटली के प्रसिद्ध 'अमीकोर्टी अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव' में प्रदर्शित किया गया।

जानकारी के अनुसार, 'फ्रेजाइल' एक शॉर्ट फिल्म है जो 'फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम' के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह एक बीमारी नहीं है, बल्कि एक स्थिति है जिसका बच्चा जन्म के समय सामना करता है। यह वंशानुगत है, अर्थात यह परिवार से आगे बढ़ती है।

हेल्थलाइन के अनुसार, यह समस्या लड़कों में लड़कियों की तुलना में अधिक पाई जाती है, हालाँकि लड़कियाँ भी इससे प्रभावित हो सकती हैं, पर उनमें इसके लक्षण कम होते हैं। इस बीमारी की पहचान बचपन में ही होने लगती है, जब बच्चे का विकास अन्य बच्चों के मुकाबले धीमा होता है। कोई इलाज नहीं है लेकिन थेरेपी के माध्यम से बच्चों के जीवन में सुधार संभव है।

जब (एफएमआर1) जीन में कोई परिवर्तन होता है, तो यह एफएमआरपी प्रोटीन का निर्माण करता है या इसकी मात्रा कम होती है। इस कमी के कारण मस्तिष्क का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता, जिससे बच्चे को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

'फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम' के लक्षण व्यक्ति की उम्र, लिंग और प्रभावित जीन की गंभीरता के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। यह सिंड्रोम मुख्य रूप से मानसिक और व्यवहारिक विकास को प्रभावित करता है। प्रभावित बच्चों में सबसे सामान्य लक्षण मानसिक विकास में देरी है, जिसमें सीखने में कठिनाई और सामान्य से कम आईक्यू शामिल हैं। ऐसे बच्चों को शब्दों को बोलने या वाक्य बनाने में देरी होती है, जिससे भाषा का विकास भी धीमा हो जाता है।

व्यवहार के स्तर पर, ये बच्चे अक्सर अधिक चिड़चिड़े, बेचैन और हाइपरएक्टिव होते हैं और इन्हें फोकस करने में कठिनाई होती है।

कभी-कभी ऐसे बच्चों का व्यवहार ऑटिज्म से मिलता-जुलता होता है। जैसे कि आँखों में आँखें डालकर बात न करना या सामाजिक बातचीत से बचना। इसके अलावा, कुछ शारीरिक लक्षण भी होते हैं जैसे लंबा चेहरा, बड़े और बाहर की ओर निकले हुए कान और शरीर के जोड़ ढीले होना। इसके अतिरिक्त, तेज आवाज या रोशनी से डरना, भीड़ में घबराना और देर से चलने के लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

Point of View

हमारा यह दायित्व है कि हम समाज में जागरूकता फैलाएं। 'फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम' जैसे मुद्दों पर चर्चा करना अत्यंत आवश्यक है ताकि प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों को सही जानकारी मिल सके।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम क्या है?
यह एक अनुवांशिक स्थिति है जो बच्चों के मानसिक और व्यवहारिक विकास को प्रभावित करती है।
इसके लक्षण क्या होते हैं?
इसमें मानसिक विकास में देरी, बोलने में कठिनाई और व्यवहार में चिड़चिड़ापन शामिल है।
क्या इसका कोई इलाज है?
इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन थेरेपी से बच्चों की स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
क्या लड़कियाँ भी प्रभावित होती हैं?
हाँ, लड़कियाँ भी प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन उनमें लक्षण कम होते हैं।
इसकी पहचान कैसे होती है?
बचपन में बच्चों के विकास की गति अन्य बच्चों की तुलना में धीमी होने पर इसकी पहचान होती है।