क्या वंदे मातरम् गीत ने आजादी के मंत्र को बढ़ाने और भारत को नई दिशा देने में सफलता प्राप्त की?: सीएम योगी

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क्या वंदे मातरम् गीत ने आजादी के मंत्र को बढ़ाने और भारत को नई दिशा देने में सफलता प्राप्त की?: सीएम योगी

सारांश

लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में, सीएम योगी आदित्यनाथ ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर बात की। उन्होंने इसे आजादी का अमर मंत्र और भारतीयता का प्रतीक बताया। जानें कि कैसे यह गीत आज भी भारतीयों को एकता और कर्तव्य के प्रति प्रेरित करता है।

Key Takeaways

  • वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर समारोह आयोजित किया गया।
  • सीएम योगी ने इसे आजादी का अमर मंत्र बताया।
  • यह गीत भारतीयता और एकता का प्रतीक है।
  • बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे 1875 में लिखा था।
  • राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता 24 जनवरी 1950 को मिली।

लखनऊ, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। आजादी के आंदोलन का मंत्र बने वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर पीएम मोदी ने इस दिवस को स्मृति दिवस के रूप में मनाने के लिए देशवासियों को नई प्रेरणा दी।

सीएम ने कहा कि वन्दे मातरम् भारत की आजादी का अमर मंत्र बन गया। उस समय विदेशी हुकूमत द्वारा दी जाने वाली अनेक यातनाओं और प्रताड़नाओं की परवाह किए बिना भारत का हर नागरिक (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी) वन्दे मातरम् गीत के साथ गांव, नगर, प्रभातफेरी के माध्यम से भारत की सामूहिक चेतना के जागरण के अभियान से जुड़ चुका था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में अपनी बातें रखीं। इस दौरान राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन हुआ और स्वदेशी का संकल्प भी लिया गया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन किया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। लोकभवन में उपस्थित लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी देखा।

सीएम योगी ने 100 वर्ष पूर्व देश में आई महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत की कुल जनसंख्या 30 करोड़ थी और इस महामारी से मरने वालों की संख्या करोड़ों में थी। गांव के गांव साफ हो गए थे। स्वतंत्र भारत में कोविड जैसी महामारी का संक्रमण भी दुनिया ने झेला है। इस महामारी के दौरान शासन-प्रशासन हो या अल्पवेतन भोगी, जान की परवाह किए बिना सभी के मन में एक ही भावना थी कि इसे नियंत्रित करना है और इसके समाधान का रास्ता निकालना है।

सीएम योगी ने कहा कि भारत और भारतीयता, नागरिकों के बारे में संवेदनशील तरीके से वह नेतृत्व ही सोच सकता है जो उस भावना से ओतप्रोत हो। सीएम योगी ने कहा कि 1875 में रचा गया यह गीत केवल आजादी का ही गीत नहीं रहा, बल्कि देश के अंदर आजादी के मंत्र को बढ़ाने में भी सफल हुआ। वन्दे मातरम् गीत संस्कृत व बांग्ला की सामूहिक अभिव्यक्ति को भले ही प्रदर्शित करता हो, लेकिन यह संपूर्ण भारत को राष्ट्र माता के भाव के साथ जोड़ने का अमर गीत बन गया। इसने भारत की शाश्वत अभिव्यक्ति को देशवासियों के सामने प्रस्तुत किया।

सीएम ने कहा कि जब विदेशी हुकूमत ने 1905 में बंग-भंग के माध्यम से भारत की भुजाओं को काटने का दुस्साहिक निर्णय लिया था, उस समय भी इस गीत ने पूरे भारतवासियों को एकजुट होकर प्रतिकार करने की प्रेरणा दी। उसके बाद के कालखंड में जब भी किसी क्रांतिकारी ने फांसी के फंदे को चूमा, तब उसके मुख से वन्दे मातरम् मंत्र ही निकलता रहा। सीएम योगी ने कहा कि भारत की आजादी के आंदोलन के दौरान भी जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने कोई स्लोगन, फ्लैग दिया तो वन्दे मातरम् उसका स्वर बना।

वन्दे मातरम् संपूर्ण भारत की सामूहिक अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने वाला मंत्र बना। इस गीत ने हर भारतीय के मन में यह भाव रचने का प्रयास किया कि व्यक्ति जाति-मत-मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्र के बारे में सोच सके और राष्ट्रप्रथम के भाव के साथ राष्ट्रमाता के प्रति सामूहिक अभिव्यक्ति हो। सीएम योगी ने वन्दे मातरम् को भारत की भक्ति-शक्ति के सामूहिक शाश्वत अभिव्यक्ति का सामूहिक स्वरूप बताया।

सीएम ने कहा कि वन्दे मातरम् के अमरगीत के साथ उसके 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हम सभी इसके रचयिता को भी याद कर रहे हैं। संविधान सभा ने इस गीत को 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता दी।

सीएम योगी ने कहा कि यह भले ही बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के आनंद मठ के उस अमर उपन्यास पर आधारित है, जिन्होंने भारत व बंगाल में उस दौरान भूख से तड़पती, अकाल-अभाव से ग्रसित जनता के उन स्वरों को, जिसे संन्यासियों ने बाद में आंदोलन का रूप दिया। लेकिन वास्तव में यह अमर गीत भारत को नई दिशा देने व भारत की सामूहिक चेतना को आगे बढ़ाने में सफल हुआ है। आज इसके 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यह गीत 150 वर्ष से भारत को प्रतिनिधित्व देते हुए नई राष्ट्रीयता का भाव पैदा करने में सफल हुआ है।

सीएम योगी ने कहा कि हम सब वन्दे मातरम् का हिस्सा हो सकते हैं। वन्दे मातरम् किसी उपासना विधि, किसी जाति-व्यक्ति का महिमामंडन करने के प्रति नहीं, बल्कि हमारे कर्तव्यों के प्रति आग्रही बनाता है। सीएम ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान की ड्राफ्टिंग प्रति सौंपने का भी जिक्र किया।

सीएम ने पीएम मोदी के उस कथन की चर्चा की और कहा कि हम देश में रहते हैं, अधिकारों की बात करते हैं पर क्या कभी कर्तव्य के बारे में स्मरण किया है। कर्तव्य ऐसा हो, जो वर्तमान व भावी पीढ़ी के भविष्य को भी उज्ज्वल बना सके। वन्दे मातरम् राष्ट्रमाता के प्रति हमारे कर्तव्यों के प्रति हमें आग्रही बनाता है। उत्तर प्रदेश पिछले 8 वर्ष में जिन ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हुआ है, यह हमारे कर्तव्यों की ही अभिव्यक्ति है।

सीएम योगी ने कहा कि जब एक शिक्षक अपने छात्र को संस्कारवान बनाता है, जब जवान विपरीत परिस्थितियों (सियाचिन ग्लेशियर में जो जवान खड़ा होगा, वहां तापमान माइनस 40 होगा और मई-जून में राजस्थान के रेगिस्तान में जो जवान सीमाओं की रक्षा कर रहा होगा, वह 55 डिग्री टेंपरेचर में भी गर्मी की परवाह किए बिना सीमाओं की सुरक्षा के लिए जूझता है) का सामना करते हुए भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अडिग खड़ा रहता है। जब किसान खेती की उर्वरता को बढ़ाते हुए अन्न उत्पादन करता है और जब भारत का हर नागरिक स्वार्थ से उठकर कर्तव्यों के मार्ग पर बढ़ता है तो सही मायने में वह वन्दे मातरम् का गान कर रहा होता है।

Point of View

बल्कि यह करोड़ों भारतीयों की भावना और एकता का प्रतीक भी है। सीएम योगी के विचारों में आज भी वन्दे मातरम् की गूंज हमें कर्तव्य और राष्ट्रीयता की याद दिलाती है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

वन्दे मातरम् गीत का महत्व क्या है?
वन्दे मातरम् गीत भारत की आजादी के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आज भी एकता और कर्तव्य की भावना को प्रेरित करता है।
सीएम योगी ने वन्दे मातरम् के बारे में क्या कहा?
सीएम योगी ने इसे आजादी का अमर मंत्र और भारतीयता का प्रतीक बताया। उन्होंने इसके रचयिता को भी नमन किया।
इस गीत का इतिहास क्या है?
वन्दे मातरम् गीत का लेखन 1875 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने किया था और 24 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता मिली।
क्या वन्दे मातरम् केवल एक गीत है?
नहीं, यह गीत भारतीय संस्कृति, एकता और कर्तव्यों की भावना को व्यक्त करता है।
वन्दे मातरम् का वर्तमान में क्या महत्व है?
आज भी यह गीत देशवासियों को एकता और कर्तव्य की प्रेरणा देता है, जिससे हम अपने राष्ट्रीय दायित्वों को समझ सकें।