क्या इस वर्ष सितंबर में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 23 प्रतिशत बढ़ा
- फेस्टिव ऑफर्स का प्रभाव
- प्रति कार्ड खर्च 19,144 रुपए
- निजी बैंकों का मार्केट शेयर घटा
- डिजिटल लेनदेन में वृद्धि
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी रेट में कटौती और फेस्टिव सीजन के चलते उपभोक्ता मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष सितंबर में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में एक बड़ा उछाल देखा गया है।
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खर्च में 23 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है, जो 2020 के बाद से 2.17 लाख करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि का मुख्य कारण बैंकों द्वारा प्रदान किए गए फेस्टिव ऑफर्स हैं।
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष सितंबर में आउटस्टैंडिंग क्रेडिट कार्ड की कुल संख्या 10.6 करोड़ थी, जो कि पिछले एक वर्ष में 7 प्रतिशत बढ़कर सितंबर 2025 तक 11.3 करोड़ होने का अनुमान है। यह मासिक आधार पर 1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वृद्धि मुख्यतः निजी बैंकों द्वारा अपनाई गई एक्विजिशन स्ट्रेटेजी, को-ब्रांडेड पार्टनरशिप और डिजिटल ऑफर्स में सुधार के कारण हुई है। हालाँकि, यह वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 14.0 प्रतिशत की वृद्धि से धीमी रही, क्योंकि बैंक उच्च गुणवत्ता वाले ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे, जिसके कारण कार्ड जारी करने में कमी आई।
इसके अतिरिक्त, निजी बैंकों का मार्केट शेयर एक वर्ष पहले के 75.5 प्रतिशत से 130 बेसिस पॉइंट कम हो गया है। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में अधिक ग्राहकों तक पहुंचने के कारण सालाना आधार पर मार्केट शेयर में वृद्धि की है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष सितंबर में प्रति कार्ड खर्च 19,144 रुपए रहा, जो कि अगस्त के 17,052 रुपए से 12.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, सितंबर 2024 में प्रति कार्ड खर्च 16,645 रुपए था, जो कि वर्ष दर वर्ष 15 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इस खर्च में वृद्धि का कारण फेस्टिव सीजन के दौरान डिजिटल और ई-कॉमर्स का बढ़ता उपयोग और बैंकों द्वारा प्रदान किए गए इंसेंटिव्स हैं।