क्या अभाविप अधिवेशन में मजबूत युवा, शिक्षित मातृ-शक्ति और संगठित समाज को सशक्त भारत की आधारशिला माना गया?

Click to start listening
क्या अभाविप अधिवेशन में मजबूत युवा, शिक्षित मातृ-शक्ति और संगठित समाज को सशक्त भारत की आधारशिला माना गया?

सारांश

जौनपुर में आयोजित अभाविप अधिवेशन में युवा शक्ति और मातृ-शक्ति की महत्ता पर जोर दिया गया। नेताओं ने कहा कि सशक्त भारत के लिए इन तत्वों का होना आवश्यक है। क्या ये विचार नई दिशा का संकेत हैं?

Key Takeaways

  • मजबूत युवा राष्ट्र का आधार हैं।
  • शिक्षित मातृ-शक्ति से समाज को सशक्त किया जा सकता है।
  • संगठित समाज से ही सशक्त भारत संभव है।
  • एकता में वास्तविक शक्ति है।
  • नशे जैसी कुरीतियों से युवाओं को दूर रखना आवश्यक है।

जौनपुर, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के काशी प्रांत अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में राष्ट्र चेतना, युवा शक्ति और सामाजिक दायित्व पर महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश और पद्मश्री पहलवान योगेश्वर दत्त ने एक स्वर में कहा कि मजबूत युवा, शिक्षित मातृ-शक्ति और संगठित समाज ही सशक्त भारत की आधारशिला हैं।

इस अवसर पर रमेश ने कहा कि वर्तमान में भारत को एक बार फिर राष्ट्रीय पुनरुत्थान की आवश्यकता है, जिसका आधार ज्ञान और चरित्र की शिक्षा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एकता में ही वास्तविक शक्ति निहित है, जो समाज में शांति और स्थायित्व स्थापित करती है। देश तभी सशक्त बनेगा जब ‘व्यक्ति की जय’ के स्थान पर ‘भारत की जय’ का संकल्प किया जाएगा।

उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए जन-जन में सकारात्मक परिवर्तन और मातृ-शक्ति के शिक्षित होने को अनिवार्य बताया, साथ ही युवाओं को नशे जैसी कुरीतियों से दूर रहने और राष्ट्र के मित्र एवं शत्रु की सही पहचान करने के लिए प्रेरित किया। योगेश्वर दत्त ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सदैव व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर उठकर राष्ट्र हित को प्राथमिकता देते हैं। किसी भी राष्ट्र की असली शक्ति उसके युवा होते हैं और यदि युवा मानसिक एवं शारीरिक रूप से सशक्त हों, तो राष्ट्र स्वतः मजबूत बनता है।

योगेश्वर दत्त ने यह भी कहा कि राष्ट्र निर्माण में समाज के प्रत्येक वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण है- जहां खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का गौरव बढ़ाते हैं, वहीं सैनिक सीमाओं की रक्षा करते हैं और शिक्षक भावी पीढ़ी को शिक्षित कर देश की नींव मजबूत करते हैं। उन्होंने निस्वार्थ समाज सेवा को भी सच्ची देश सेवा बताते हुए कहा कि समाज को एकजुट कर साथ लेकर चलना ही भारत को उन्नति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारी हर गतिविधि और सोच के केंद्र में सदैव हिंदुस्तान होना चाहिए। 65वें प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर अभाविप काशी प्रांत की सदस्यता 3,86,091 पहुंचने की घोषणा की गई, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। अधिवेशन में डॉ. महेंद्र त्रिपाठी को प्रांत अध्यक्ष और शिवम सिंह को प्रांत मंत्री निर्वाचित किया गया।

निवर्तमान प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने वार्षिक वृत्त प्रस्तुत करते हुए बताया कि काशी प्रांत ने इस वर्ष सदस्यता के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 3,86,091 विद्यार्थियों को संगठन से जोड़ा है, जो प्रांत की संगठनात्मक यात्रा में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके बाद संपन्न निर्वाचन प्रक्रिया में चुनाव अधिकारी डॉ. अखिलेश पांडेय ने जौनपुर निवासी डॉ. महेंद्र त्रिपाठी को अभाविप काशी प्रांत का अध्यक्ष तथा भदोही निवासी शिवम सिंह को प्रांत मंत्री घोषित किया।

अधिवेशन के प्रथम दिवस पर चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिनमें केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में रिक्त सीटें और लंबी प्रवेश प्रक्रिया पर चिंता, ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष-राष्ट्र चेतना का अमर घोष, ‘स्क्रीन टाइम से ग्रीन टाइम’ की ओर संतुलित जीवन की पहल तथा ‘सीमांत से सशक्तिकरण तक: सोनभद्र के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना’ शामिल हैं। इन प्रस्तावों पर प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं, जिन्हें अंतिम दिन पारित किया जाएगा।

-- राष्ट्र प्रेस

विकेटी/एएसएच

Point of View

बल्कि यह भविष्य की दिशा तय करने में मददगार भी है। यह सशक्त भारत की ओर एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

अभाविप अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अभाविप अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य युवाओं में राष्ट्र चेतना और सामाजिक दायित्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
इस अधिवेशन में कौन-कौन से नेता शामिल हुए?
इस अधिवेशन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश और पद्मश्री पहलवान योगेश्वर दत्त शामिल हुए।
इस अधिवेशन का क्या महत्व है?
इस अधिवेशन का महत्व युवा शक्ति और मातृ-शक्ति को सशक्त भारत की आधारशिला मानना है।
अधिवेशन में कौन से प्रस्ताव रखे गए?
अधिवेशन में केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में रिक्त सीटों पर चिंता, वंदे मातरम् के 150 वर्ष, और अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए।
अधिवेशन में कितनी सदस्यता की घोषणा की गई?
अधिवेशन में अभाविप काशी प्रांत की सदस्यता 3,86,091 पहुंचने की घोषणा की गई।
Nation Press