क्या लखनऊ में सीएम योगी ने बच्चों से मुलाकात कर पुस्तकों के महत्व पर जोर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- पुस्तकों का अध्ययन जीवन में महत्वपूर्ण है।
- अच्छी पुस्तकें मार्गदर्शक बनती हैं।
- नेशनल बुक ट्रस्ट ने फेस्टिवल की परंपरा को बनाए रखा है।
- बच्चों को रचनात्मकता के लिए प्रेरित किया गया।
- महिलाओं का स्वास्थ्य समाज के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ विश्वविद्यालय में संपन्न चौथे गोमती बुक फेस्टिवल का शानदार उद्घाटन किया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने छोटे बच्चों के साथ गहरी चर्चा की और पुस्तकों के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने स्कूली बच्चियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुस्तकें भेंट कीं। उन्होंने कहा कि अच्छी पुस्तकें हमेशा हमारे जीवन में सही मार्गदर्शन देती हैं और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अगले नौ दिन तक लखनऊ विश्वविद्यालय में पुस्तक मेला चलेगा, जहां पाठक ज्ञान और साहित्य के महासागर का अनुभव कर सकेंगे।
उन्होंने बच्चों और युवाओं से आग्रह किया कि स्मार्टफोन पर समय कम बिताएं और कम से कम एक घंटा ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने में लगाएं। मुख्यमंत्री ने भारतीय मनीषियों का उदाहरण देकर बताया कि हमारे देश में याज्ञवल्क्य जैसे महान ऋषियों ने समाज को ज्ञान का मार्ग दिखाया। उन्होंने याज्ञवल्क्य ऋषि और उनकी पत्नियों कात्यायिनी और मैत्रेयी का संदर्भ देते हुए बताया कि ज्ञान की खोज जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए।
उन्होंने नेशनल बुक ट्रस्ट की सराहना की, जिसने गोमती बुक फेस्टिवल की परंपरा को बनाए रखा है। इस वर्ष के फेस्टिवल में ढाई सौ से अधिक स्टॉल हैं, जिनमें बाल रचनाकारों और प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें विभिन्न भाषाओं में प्रदर्शित हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को 'एग्जाम वारियर्स' पुस्तक भेंट की, जिसे प्रधानमंत्री ने लिखा है। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे इस पुस्तक के सभी बिंदुओं को पढ़ें, तो किसी भी परीक्षा में सफलता पाना आसान होगा। मुख्यमंत्री ने भारतीय ज्ञान परंपरा का उल्लेख करते हुए तक्षशिला, पाणिनी, सुश्रुत और ब्रह्मवेत्ताओं की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि तक्षशिला का नाम भगवान राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष के नाम पर रखा गया था। पढ़ना और आगे बढ़ना भारत की परंपरा रही है। प्रधानमंत्री का विचार 'वेन सिटिजन रीड्स, कंट्री लीड्स' इसी संदेश का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जी की मौलिक रचनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मौलिक रचनाएं अमर होती हैं और रचयिता को भी अमर बना देती हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अच्छी पुस्तकों को पढ़ें। उन्होंने स्वस्थ नारी और सशक्त समाज के संदेश को दोहराते हुए कहा कि यदि महिलाएं स्वस्थ रहेंगी, तो समाज और राष्ट्र भी सशक्त होंगे। उन्होंने लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चों से अपील की कि वे इस बुक फेस्टिवल में आएं और हर छात्र कम से कम एक पुस्तक अवश्य खरीदें।