क्या एआई से असली नुकसान सिर्फ बड़े कंपनियों को है? शेखर कपूर की बात
सारांश
Key Takeaways
- एआई मिडिल क्लास के लिए एक अवसर है।
- युवा स्टार्टअप खोलने में रुचि रखते हैं।
- शिक्षा में एआई का उपयोग बढ़ रहा है।
- फिल्मों में एआई का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
- एआई से कहानी लेखन में तेजी आई है।
अहमदाबाद, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में लोगों में अक्सर यह डर बना रहता है कि यह उनकी नौकरी ले लेगा, लेकिन फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने इसे मिडिल क्लास के लिए लाभदायक बताया है।
उन्होंने एआई के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की और कहा कि इसका वास्तविक नुकसान सिर्फ उन बड़ी कंपनियों के मालिकों को है, जिनके साथ अब मिडिल क्लास लोग काम नहीं करना चाहते।
एआई के लाभों पर प्रकाश डालते हुए शेखर कपूर ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि इसका सबसे बड़ा लाभ मिडिल क्लास के लोगों को हो रहा है। आज की युवा पीढ़ी में एआई का महत्व काफी बढ़ चुका है। मिडिल क्लास के युवाओं की वजह से भविष्य में एआई सिस्टम में और अधिक भागीदारी देखने को मिलेगी। आज के युवा फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने के बजाय अपने स्टार्टअप खोलना पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा बहुत महंगी है, लेकिन मिडिल क्लास के लिए एआई सिस्टम एक वरदान से कम नहीं है। जो कोर्स लाखों में होते हैं, वे अब एआई सिस्टम के माध्यम से मुफ्त में उपलब्ध हैं। छह महीने पहले तक एआई को समझना मुश्किल था, लेकिन आज इसका उपयोग काफी बढ़ गया है।
शेखर कपूर का मानना है कि भविष्य में एआई शिक्षा प्रणाली को बदलने वाला है, क्योंकि जो जानकारी किताबों में होती है, वह सभी एआई प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हर गली में कोचिंग सेंटर खुले हैं, जो हमारे देश में 25 बिलियन का कारोबार है। कोचिंग में जो पढ़ाया जा रहा है, वह सब एआई के विभिन्न प्लेटफार्मों पर मौजूद है। अब युवा नौकरी की बजाय अपने काम पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
फिल्मों में एआई के बढ़ते उपयोग पर शेखर कपूर ने कहा कि एआई सिस्टम से किसी भी कहानी या विचार को बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकता है। जहां पहले कहानी बनाने में बहुत समय लगता था, वहीं अब एआई की मदद से चंद घंटों में कहानी तैयार करना संभव हो गया है।