क्या एशिया कप की ट्रॉफी न लेने पर सियासत गरमाई? कांग्रेस नेता बोले, खेल में हो रही राजनीति

सारांश
Key Takeaways
- खेल में राजनीति का हस्तक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण है।
- भाई जगताप ने ट्रॉफी न लेने को दिखावा बताया।
- प्रधानमंत्री मोदी पर क्रेडिट लेने का आरोप।
- भारतीय टीम को राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए।
- संविधान के अनुसार गलत करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
मुंबई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप में भारत ने पाकिस्तान को हराया, लेकिन पीसीबी के मुखिया ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, जिसके चलते सियासी हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता भाई जगताप ने ट्रॉफी नहीं लेने के मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि खेल के साथ राजनीति करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे एक दिखावा करार दिया।
भाई जगताप ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि एशिया कप जीतने पर भारतीय टीम को ढेर सारी बधाई। हालांकि, उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत ने ट्रॉफी जीती तो क्यों छोड़ी, जिस मोहसिन नकवी के कारण यह ट्रॉफी नहीं ली जा रही, उसी नकवी से भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाथ मिलाया था। उन्होंने कहा कि यह कैसी राजनीति है, यह सिर्फ दिखावा है।
भाई जगताप ने पीएम मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट पर भी टिप्पणी की कि वह इस जीत का क्रेडिट लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि खेल के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि पूरी दुनिया में भारतीय टीम का दबदबा है और यह पीएम मोदी के कारण नहीं है। जिस प्रकार से पहलगाम हमले से जोड़कर बात की जा रही है, यह गलत है।
भाई जगताप ने कहा कि भाजपा के लोग खेल से पहले कहते थे कि 'ऑपरेशन सिंदूर' चल रहा है, खून और पानी साथ बहेंगे। उन्होंने सवाल किया कि यह दोहरा चरित्र क्यों अपनाया गया। भारतीय टीम को राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए।
कप्तान सूर्यकुमार यादव द्वारा एशिया कप की मैच फीस भारतीय सेना को देने के सवाल पर भाई जगताप ने कहा कि इस पर सरकार को निर्णय लेना चाहिए। पहलगाम में मारे गए लोगों के परिजनों ने कहा कि पैसे से सब कुछ नहीं मिल सकता, यह पैसे देकर राजनीति कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में 'आई लव मोहम्मद' को लेकर हिंसक झड़प पर उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने धार्मिक भावनाओं को प्रकट करने की अनुमति दी है, चाहे हम जय श्रीराम कहें। हमें भाजपा और आरएसएस का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। संविधान के अनुसार गलत करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।