क्या अखिलेश यादव की प्रधानमंत्री मोदी की उम्र पर की गई टिप्पणी अशोभनीय और दुखद है?
सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव की टिप्पणी पर एके शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
- प्रधानमंत्री मोदी की ऊर्जा युवाओं के लिए प्रेरणा है।
- भाजपा का लक्ष्य देश की समृद्धि है।
- उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें पिछले छह साल से स्थिर हैं।
- राजनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
लखनऊ, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र पर की गई टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश के मंत्री एके शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे अत्यंत अशोभनीय और दुखद बताया। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की उम्र पर ऐसी टिप्पणी राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है।
मंत्री एके शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की उम्र चाहे जो हो, लेकिन उनकी ऊर्जा, समर्पण और कार्यशैली आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा बनती है। हम प्रधानमंत्री मोदी की सेहत और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करते हैं। उनका कमिटमेंट और एनर्जी अक्सर युवाओं से भी ज्यादा होती है। आज के युवा उनके सामने खुद को शर्मिंदा महसूस कर सकते हैं।
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं और उनका विजन भारत को आगे ले जा रहा है। हम प्रभु से कामना करेंगे कि पीएम मोदी 2047 ही नहीं, बल्कि उससे भी आगे तक ऊर्जा के साथ देश का नेतृत्व करें।
सपा प्रमुख पर कटाक्ष करते हुए मंत्री एके शर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता केवल वही पेड़ लगाते हैं, जिसका फल उन्हें स्वयं मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा को देश की प्रगति और जनता के हितों में कोई रुचि नहीं है, क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता परिवारवाद है। इसके विपरीत भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी हर नागरिक के भविष्य के लिए कार्य करते हैं।
मंत्री एके शर्मा ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य देश को खुशहाल और विकसित बनाना है। उन्होंने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि भारत 14वीं अर्थव्यवस्था से उभरकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन यह पीएम मोदी के विजन से संभव हुआ है।
राज्य में बीते छह वर्षों से बिजली की दरों में बढ़ोतरी न होने पर मंत्री ने प्रदेश की जनता और बिजली उपभोक्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि लगातार बेहतर प्रबंधन का परिणाम है। दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं जिसकी कीमतें न बढ़ी हों, लेकिन उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें पिछले छह साल से स्थिर हैं। यह जनता के सहयोग और विभाग के कर्मचारियों की मेहनत से संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उपभोक्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ के सुचारू और सस्ती बिजली मिलती रहे।