क्या अखरोट और हरी सब्जियाँ मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं?

सारांश
Key Takeaways
- अखरोट को ब्रेन फूड कहा जाता है।
- ब्रोकली में फोलेट की भरपूर मात्रा होती है।
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।
- फलियाँ रक्त में ग्लूकोज स्तर को स्थिर रखती हैं।
- सही आहार से तनाव और चिंता कम हो सकती है।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हमारा मस्तिष्क केवल विचारों से ही नहीं, बल्कि सही पोषण से भी कुशलता से कार्य करता है। आज की तेज़ रफ्तार ज़िन्दगी में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फलियाँ न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, इनका सेवन भावनात्मक संतुलन, एकाग्रता और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। रोज़मर्रा की इन छोटी-छोटी चीजों से तनाव, चिंता और अवसाद से लड़ने में सहायता मिलती है।
आयुष मंत्रालय ने अखरोट को ब्रेन का पावर हाउस बताया है। इसे ब्रेन फूड कहा जाता है, और यह सच है। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बेहतरीन स्रोत है, जो मस्तिष्क के कार्यों को सुधारने में मददगार है। नियमित रूप से अखरोट खाने से तनाव कम होता है, याददाश्त में सुधार होता है और मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। रोज़ाना एक मुट्ठी भर अखरोट आपके मस्तिष्क को तेज और स्वस्थ रख सकता है।
साथ ही, ब्रोकली भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद होती है। इसे फोलेट का खजाना कहा जाता है। ब्रोकली न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसमें फोलिक एसिड (विटामिन बी9) प्रचुर मात्रा में होता है, जिसकी कमी अवसाद से जुड़ी होती है। फोलेट मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो मूड को सुधारने में मदद करता है। इसे सलाद, सूप या सब्जी के रूप में डाइट में शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियाँ मानसिक शांति का आधार मानी जाती हैं। पालक, मेथी और अन्य पत्तेदार साग मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान हैं। इनमें फोलेट, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। ये सब्जियाँ मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाती हैं और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं। इन्हें रोज़ाना के भोजन में शामिल करना आसान और प्रभावी है।
फलियाँ, जैसे राजमा, चना और दाल, फाइबर से भरपूर होती हैं, जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को स्थिर रखती हैं। स्थिर रक्त ग्लूकोज मूड स्विंग को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, फलियों में ट्रिप्टोफैन होता है, जो सेरोटोनिन के उत्पादन में सहायता करता है। सेरोटोनिन एक ऐसा रसायन है, जो खुशी और शांति का एहसास देता है।