क्या अख्तरुल ईमान ने राजद को धर्मनिरपेक्ष वोटों को बचाने के लिए प्रस्ताव दिया?

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क्या अख्तरुल ईमान ने राजद को धर्मनिरपेक्ष वोटों को बचाने के लिए प्रस्ताव दिया?

सारांश

क्या अख्तरुल ईमान ने राजद को धर्मनिरपेक्ष वोटों को बचाने के लिए प्रस्ताव दिया? यह जानने के लिए पढ़ें उनकी विचारधारा और राजनीतिक संघर्ष के बारे में।

Key Takeaways

  • धर्मनिरपेक्ष वोट को बचाने का प्रयास।
  • अल्पसंख्यक समाज के लिए समर्थन की अपील।
  • राजद के साथ महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव।
  • राजनीति में सामाजिक न्याय की आवश्यकता।
  • दलितों और शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को महागठबंधन में शामिल होने के लिए भेजे गए पत्र पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा, "मैं किसी के दरवाजे खुलने या बंद होने का इंतज़ार नहीं कर रहा हूँ। यह हमारी विचारधारा का मुद्दा था, इसलिए हमनें उन्हें प्रस्ताव भेजा।"

अख्तरुल ईमान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, "यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि बिहार में धर्मनिरपेक्ष वोट विभाजित न हों। इसलिए हमने उन लोगों को भी प्रस्ताव दिया, जिन्होंने पहले हमें नुकसान पहुँचाया था। हमारे प्रस्ताव पर उन्होंने गंभीरता से विचार नहीं किया। हम किसी के सहारे नहीं चलने वाले हैं और अकेले चलकर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।"

अख्तरुल ईमान ने आगे कहा, "मैं अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़े और शोषित वर्ग से अपील करता हूँ कि यदि उनके वोट से सरकार बन सकती है या गिर सकती है तो उन्हें अपने वोट का उपयोग अपने हित में करना चाहिए, ताकि उनकी तकदीर बदल सके।"

राजद के आरोपों पर अख्तरुल ईमान ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, "भाजपा की बी-टीम कौन है, यह तो समय बताएगा। राजद को 2005 की घटना याद करनी चाहिए, जब रामविलास पासवान की पार्टी को 29 सीटें मिली थीं, जबकि राजद को 75 सीटें मिली थीं। उस समय पासवान ने कहा था कि अल्पसंख्यक समाज के किसी भी नेता का नाम बताओ और मैं समर्थन देने को तैयार हूँ। राजद ने भाजपा को सत्ता में आने दिया, लेकिन किसी अल्पसंख्यक नेता के नाम पर सहमति नहीं दी। अब उन लोगों को ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मेरा उद्देश्य बिहार के अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़े और शोषित वर्ग को न्याय दिलाना है। मंदिर तोड़ने और मस्जिद बनाने की राजनीति बहुत हो चुकी है। मैं दलितों का उत्थान और शोषितों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा हूँ।"

Point of View

हम देखते हैं कि अख्तरुल ईमान का यह कदम बिहार की राजनीति में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता को दर्शाता है। उनका यह प्रयास समाज के कमजोर वर्गों को एकजुट करने का है, जो कि लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

अख्तरुल ईमान का प्रस्ताव किसके लिए था?
उनका प्रस्ताव राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लिए था, ताकि धर्मनिरपेक्ष वोटों को बचाया जा सके।
अख्तरुल ईमान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अख्तरुल ईमान का मुख्य उद्देश्य बिहार के अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़े और शोषित वर्ग को न्याय दिलाना है।