क्या अमेरिका के बिना इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट कर सकता था?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका की भागीदारी से इजरायल को सहायता मिली।
- ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है।
- अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होने का आरोप।
- ईरान की स्थिति गंभीर है।
- रेडिएशन की जानकारी अभी तक नहीं आई है।
जम्मू, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल और ईरान के बीच चल रही संघर्ष में अमेरिका की भागीदारी सामने आई है। भारतीय समय अनुसार रविवार तड़के 4:30 बजे अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु संवर्धन संयंत्रों पर हमला कर उन्हें नष्ट करने का दावा किया है। भारतीय रक्षा और विदेश मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान को इस हमले में बड़ा नुकसान हुआ है।
ब्रिगेडियर विजय सागर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "पहले जब इजरायल ने ईरान पर हमला किया था, तब ऐसा लगा था कि अमेरिका और इजरायल में मतभेद हो गए हैं। लेकिन, अमेरिका ने ईरान पर हमले के जरिए साबित कर दिया है कि वह शुरू से इजरायल के साथ था। अमेरिका ने ईरान के तीनों परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाया और उन पर बम गिराए।"
उन्होंने बताया कि अमेरिका के हमले से ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल और अमेरिका के हमलों को अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है। लेकिन, मेरा मानना है कि अगर इजरायल और अमेरिका की कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है, तो हमास, हूती और हिजबुल्लाह जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन ईरान किस प्रकार उचित ठहरा सकता है। ईरान स्वयं आतंकवाद का समर्थन करता है।
विजय सागर ने कहा कि ईरान दो तरह के बयान दे रहा है। एक ओर वह खुद को पीड़ित बता रहा है और दूसरी ओर इजरायल और अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दे रहा है। ईरान की स्थिति खराब है। ईरान के पास हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल हैं जिनका वह प्रयोग कर सकता है। लेकिन, यदि वह ऐसा करता है तो अमेरिका और भी घातक हमला कर सकता है।
विदेश मामलों के विशेषज्ञ रविंद्र सचदेवा ने कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर हमला किया है। इजरायल अकेले ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट नहीं कर सकता था। लेकिन, नष्ट किए गए परमाणु संयंत्रों से अब तक रेडिएशन की कोई जानकारी नहीं आई है। ऐसा हो सकता है कि पहाड़ों के अंदर स्थित परमाणु संयंत्रों के नष्ट होने के बाद यूरेनियम उसी क्षेत्र में सिमट गए हैं या फिर ईरान ने यूरेनियम को कहीं और शिफ्ट कर दिया है।