क्या ईरान के समर्थन में सोनिया गांधी के लेख पर इजरायली राजदूत ने नाराजगी जताई?

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क्या ईरान के समर्थन में सोनिया गांधी के लेख पर इजरायली राजदूत ने नाराजगी जताई?

सारांश

इजरायली राजदूत रूवेन अजार ने सोनिया गांधी के ईरान के समर्थन में लिखे लेख की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने नेताओं से सही जानकारी रखने की अपील की और ईरान की आक्रामकता पर चिंता व्यक्त की। यह स्थिति भारत की कूटनीतिक चुनौतियों को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • ईरान की आक्रामकता पर इजरायली राजदूत की चिंता।
  • सोनिया गांधी के लेख पर इजरायल की कड़ी प्रतिक्रिया।
  • क्षेत्रीय स्थिरता के लिए कूटनीति की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के ईरान के समर्थन में लिखे गए लेख पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को क्षेत्रीय परिस्थितियों की सही जानकारी होनी चाहिए।

राजदूत अजार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा, “हमें यह देखकर निराशा हुई कि जिस व्यक्ति का आपने जिक्र किया, उन्होंने 7 अक्टूबर (2023) के हमलों की उस तरह निंदा नहीं की, जैसी की जानी चाहिए थी। ईरान द्वारा पिछले तीन दशकों से की जा रही आक्रामकता को नजरअंदाज करना पूरी तरह अस्वीकार्य है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि विचारों की स्वतंत्रता सभी को है, लेकिन नेताओं को तथ्यों और वास्तविकता के आधार पर बयान देना चाहिए।

इजरायली राजदूत ने कहा, “यह स्पष्ट है कि इस पूरे घटनाक्रम में ईरान ही आक्रामक पक्ष रहा है। इजरायल को उस समय कार्रवाई करनी पड़ी, जब ईरान हमारे देश को नष्ट करने के हथियार हासिल करने के कगार पर था।”

राजदूत ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल और अमेरिका की हालिया सैन्य कार्रवाई ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए थी, जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत कर तनाव कम करने और कूटनीति के रास्ते समाधान की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए अजार ने कहा, “अगर ईरान अन्य देशों को समाप्त करने की कोशिश छोड़ दे, अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम खत्म कर दे और क्षेत्रीय आक्रामकता से पीछे हटे, तो कूटनीति के लिए अवश्य विकल्प है। हम चाहते हैं कि ईरान जिम्मेदार रुख अपनाए जिससे शांति और स्थिरता की बहाली हो सके।”

अमेरिका ने भारतीय समय के अनुसार, रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों - फोर्डो, इस्फहान और नतांज पर हमला कर उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम अपने देश के हितों की रक्षा करें। इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच, यह आवश्यक है कि हम संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में प्रयास करें।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

सोनिया गांधी के लेख में क्या कहा गया था?
सोनिया गांधी ने ईरान के समर्थन में कुछ विचार व्यक्त किए थे, जिसके कारण इजरायली राजदूत ने नाराजगी जाहिर की।
इजरायल के राजदूत ने क्या आरोप लगाए?
राजदूत ने कहा कि ईरान की आक्रामकता को नजरअंदाज करना पूरी तरह अस्वीकार्य है।