क्या अमित मालवीय ने राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सवाल उठाया?

सारांश
Key Takeaways
- अमित मालवीय ने राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सवाल उठाए हैं।
- कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया है।
- राजनीतिक संवाद में ऐसे सवाल उठते रहते हैं।
नई दिल्ली, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया, जिसका कांग्रेस ने तुरंत जवाब दिया।
अपने पोस्ट में उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले सप्ताह राहुल गांधी एक गुप्त विदेश यात्रा पर थे। अब, वे फिर से विदेश गए हैं—एक और अज्ञात स्थान पर।
उन्होंने राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह बार-बार गायब क्यों हो रहे हैं? ऐसी क्या मजबूरी है जो उन्हें इतनी बार देश से दूर रखती है? विपक्ष के नेता के नाते, उन्हें भारत की जनता को जवाब देना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अमित मालवीय के दावों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, "गंदी चालें चली जा रही हैं। इन गंदी चालों के अतिरिक्त कुछ नहीं आता। राहुल गांधी अपनी भतीजी के स्नातक समारोह में शामिल होने के लिए लंदन गए हैं और जल्द ही वापस आएंगे।"
इससे पहले उन्होंने १४ जून को भी राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सवाल उठाया था। इस संबंध में भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी एक बार फिर गुप्त और अघोषित विदेश यात्रा पर हैं।
१६ जून को किए गए एक्स पोस्ट में मालवीय ने राहुल गांधी को लेकर बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था, “विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक गुप्त विदेशी स्थान पर छुट्टियां मना रहे हैं, जो भारत से बहुत दूर नहीं है, जबकि देश एक बहुत बड़ी विमानन त्रासदी का सामना कर रहा है। नुकसान की भयावहता और अनगिनत परिवारों के दुख को नजरअंदाज कर अपने आराम को तवज्जो दे घर लौटना जरूरी नहीं समझा।”
उन्होंने आगे कहा था, “कोई कितना गैर-जिम्मेदार और स्वार्थी हो सकता है?”
इसी पोस्ट में दावा किया गया कि राहुल गांधी २६/११ हमले के बाद पार्टी कर रहे थे, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बेतुके वीडियो शूट कर रहे थे, और राष्ट्रीय संकट के समय बार-बार गायब हो रहे थे। क्या यह किसी ऐसे व्यक्ति का आचरण है जो सार्वजनिक जीवन में भी भरोसा करने का हकदार है? सत्ता और जिम्मेदारी की बातें तो छोड़ दीजिए।”