क्या रिटायरमेंट के बाद वेद-उपनिषद और प्राकृतिक खेती के लिए अपना जीवन समर्पित करेंगे अमित शाह?

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क्या रिटायरमेंट के बाद वेद-उपनिषद और प्राकृतिक खेती के लिए अपना जीवन समर्पित करेंगे अमित शाह?

सारांश

अमित शाह ने 'सहकार-संवाद' में महिलाओं के सशक्तिकरण पर बात की और बताया कि वे रिटायरमेंट के बाद वेद और प्राकृतिक खेती में योगदान देंगे। यह एक महत्वपूर्ण दिशा में बदलाव का संकेत है।

Key Takeaways

  • अमित शाह का रिटायरमेंट के बाद वेदों और प्राकृतिक खेती की ओर झुकाव।
  • सहकारिता क्षेत्र महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का साधन।
  • प्राकृतिक खेती के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ और कृषि उत्पादकता में वृद्धि।
  • सहकारिता मंत्रालय का ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रयास।
  • प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के लिए छोटे व्यवसाय मॉडल की पहचान।

अहमदाबाद, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर बुधवार को गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं और अन्य सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ 'सहकार-संवाद' किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में सहकारी क्षेत्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक मजबूत साधन बन गया है।

अमित शाह ने कार्यक्रम के दौरान बनासकांठा का जिक्र करते हुए कहा, "जब मैं पैदा हुआ था, तब बनासकांठा के लोगों को सप्ताह में केवल एक बार नहाने के लिए पानी मिलता था। मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोगों को शायद इसका अंदाजा न हो, लेकिन बनासकांठा और कच्छ, गुजरात के सबसे अधिक पानी की कमी वाले जिलों में से एक हैं। आज, एक परिवार केवल दूध उत्पादन से सालाना 1 करोड़ रुपये कमाता है। यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन है।"

उन्होंने कहा, "मैंने निर्णय लिया है कि सेवानिवृत्ति के बाद, मैं अपना शेष जीवन वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती के अध्ययन के लिए समर्पित करूंगा। प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रयोग है, जिसके अनेक लाभ हैं। रासायनिक उर्वरकों से उगाए गए गेहूं से अक्सर कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। प्राकृतिक खेती न केवल शरीर को रोगमुक्त रखने में मदद करती है, बल्कि कृषि उत्पादकता को भी बढ़ाती है।"

अमित शाह ने आगे कहा, "सहकारिता मंत्रालय पीएम मोदी के 'सहकार से समृद्धि' के विजन के अनुसार किसानों को सशक्त बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।"

'सहकार संवाद' में अमित शाह ने लोगों के सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने एक प्रतिभागी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) के लिए लगभग 25 छोटे व्यवसाय मॉडल की पहचान की है। सभी पीएसीएस को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें समृद्ध बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह समाज के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बात सही है कि हमारे देश में विद्या और कृषि का एक गहरा संबंध है। ऐसे समय में जब कृषि को नई दिशा की आवश्यकता है, शाह का यह समर्पण एक प्रेरणादायक संदेश है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

अमित शाह ने रिटायरमेंट के बाद किन चीजों के लिए अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया?
अमित शाह ने रिटायरमेंट के बाद वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती का अध्ययन करने का निर्णय लिया है।
सहकार-संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?
सहकार-संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाना है।
प्राकृतिक खेती के क्या लाभ हैं?
प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करती है।