क्या आनंद दुबे ने महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 'बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय'?
सारांश
Key Takeaways
- आनंद दुबे का बयान राजनीतिक संघर्ष को दर्शाता है।
- भाजपा और शिवसेना के बीच फूट की स्थिति बन रही है।
- आगामी चुनाव में महायुति सरकार की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
- भाजपा ने शिवसेना के नेताओं को अपने खेमे में शामिल करने की कोशिश की है।
- राजनीतिक समीकरण आगामी दिनों में बदल सकते हैं।
मुंबई, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख आनंद दुबे ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने एक पुरानी कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कुछ साल पहले भाजपा के साथ मिलकर इन लोगों ने हमारी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की थी। लेकिन आज की स्थिति ये है कि अब इनकी कोई सुनने वाला नहीं है।
आनंद दुबे ने महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि इस बैठक में कई नेता नदारद रहे, जो यह दर्शाता है कि इनकी पार्टी में फूट की स्थिति बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे का लोकसभा क्षेत्र कल्याण डोम्बीबली है, जहां भाजपा ने सेंध लगाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र चौहान शिवसेना के नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना में बड़ी फूट पड़ने की आशंका है। कई नेता भाजपा या अन्य दलों में शामिल हो सकते हैं। हमारी जानकारी के अनुसार, कई लोग हमारी पार्टी से भी संपर्क में हैं।
आनंद दुबे ने कहा कि आगामी दिनों में महायुति सरकार में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि दो दिसंबर को महानगर पालिका के चुनाव हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखकर यही कहा जा सकता है कि जैसी करनी, वैसी भरनी। इनकी दुर्गति आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है।