क्या रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय के अधिकारियों ने अंडमान-निकोबार कमान का दौरा किया?

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क्या रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय के अधिकारियों ने अंडमान-निकोबार कमान का दौरा किया?

सारांश

अंडमान-निकोबार कमान का दौरा करने वाले रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय के अधिकारियों ने द्वीपों की रक्षा तैयारियों का गहन अवलोकन किया। यह दौरा भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के बीच सहयोग और रणनीति को उजागर करता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • अंडमान-निकोबार कमान की रक्षा तैयारियों का अवलोकन
  • संयुक्त संचालन केंद्र का दौरा
  • ऑपरेशन कैसल बे की जानकारी
  • तीनों सेनाओं के बीच सहयोग का महत्व
  • आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता

पोर्ट ब्लेयर, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय सिकंदराबाद के उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम के 40 से अधिक प्रतिभागी अधिकारियों ने अंडमान-निकोबार कमान (एएनसी) के अग्रिम क्षेत्र भ्रमण के तहत तीन दिवसीय दौरा किया। इस दल में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और मित्र देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

दौरे के दौरान अधिकारियों को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में रक्षा तैयारियों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। भारतीय वायुसेना ने द्वीपीय क्षेत्रों में अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए चल रही परियोजनाओं की जानकारी दी, जिसमें नई रनवे विस्तार योजनाएं, रडार नेटवर्क और लड़ाकू विमानों की तैनाती शामिल हैं।

इसके बाद उभयचर ब्रिगेड ने अपनी विशेष क्षमताओं का प्रदर्शन किया। अधिकारियों को बताया गया कि यह ब्रिगेड समुद्र और जमीन दोनों जगह एक साथ तेज़ ऑपरेशन करने में सक्षम है, जो द्वीपों की रक्षा के लिए बेहद आवश्यक है।

सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा संयुक्त संचालन केंद्र का दौरा। यहां अधिकारियों को हाल की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया गया, खासकर चल रहे "ऑपरेशन कैसल बे" के बारे में।

यह अभ्यास तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना, वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल के बीच बेहतरीन तालमेल का जीता-जागता उदाहरण है। इस ऑपरेशन में समुद्री निगरानी, खुफिया जानकारी का त्वरित आदान-प्रदान, और संयुक्त कार्रवाई पर जोर दिया जा रहा है।

अंत में एक विशेष क्षमता प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें दिखाया गया कि द्वीपों पर कोई आपात स्थिति आने पर तीनों सेनाएं किस तरह तेज़ी और समन्वय से काम करती हैं। इसमें समुद्र से उतराई, हवाई हमला और त्वरित बचाव अभियान शामिल थे।

अंडमान-निकोबार कमान के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश की एकमात्र त्रि-सेवा कमान है, जो भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस दौरे से अधिकारियों को संयुक्त युद्ध प्रबंधन और द्वीपीय रक्षा की वास्तविक चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव मिला। प्रतिभागी अधिकारियों ने इस दौरे को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि इससे उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के नए आयाम समझने में मदद मिली।

Point of View

जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में रक्षा तैयारियों का अवलोकन करना था।
कौन से अधिकारी इस दौरे का हिस्सा थे?
इस दौरे में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और मित्र देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
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