क्या बिहार चुनाव 2025 में किसी भी उम्मीदवार ने ईवीएम जांच के लिए आवेदन नहीं किया?

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क्या बिहार चुनाव 2025 में किसी भी उम्मीदवार ने ईवीएम जांच के लिए आवेदन नहीं किया?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बाद, चुनाव आयोग ने बताया कि किसी भी हारने वाले उम्मीदवार ने ईवीएम जांच के लिए आवेदन नहीं किया। यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को दर्शाती है। जानिए और क्या-क्या महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है।

Key Takeaways

  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में किसी भी हारने वाले उम्मीदवार ने ईवीएम जांच के लिए आवेदन नहीं दिया।
  • चुनाव आयोग ने 17 जून 2025 को SOP जारी की थी।
  • वीवीपैट पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन किया गया।
  • कोई भी पुनर्मतदान का अनुरोध नहीं किया गया।
  • चुनाव परिणामों के 72 घंटों के भीतर इंडेक्स कार्ड उपलब्ध कराए गए।

नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और उपचुनावों में, बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों और उपचुनावों के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से किसी भी हारने वाले उम्मीदवार द्वारा जली हुई मेमोरी या माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।

चुनाव आयोग ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग ने 17 जून 2025 को मतगणना के बाद ईवीएम की जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी।

इसके तहत सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार के पीछे क्रम संख्या 2 या क्रम संख्या 3 पर रहने वाले उम्मीदवार परिणाम की घोषणा के 7 दिनों के भीतर ईवीएम की जांच और सत्यापन की मांग कर सकते थे।

इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सफल आयोजन के साथ कई नई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र (कुल 1,215 मतदान केंद्र) में यादृच्छिक रूप से चुने गए 5 मतदान केंद्रों के लिए वीवीपैट पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन किया गया और ईवीएम गणना में कहीं भी कोई विसंगति नहीं पाई गई।

इसके अलावा, बिहार के 38 जिलों में से किसी भी जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद किसी मतदाता या 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से किसी ने भी गलत तरीके से शामिल या बहिष्कृत किए जाने के खिलाफ कोई अपील नहीं की। 2,616 उम्मीदवारों या 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से किसी ने भी पुनर्मतदान का अनुरोध नहीं किया।

इसके अतिरिक्त, बिहार चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों के लिए इंडेक्स कार्ड पहली बार चुनाव परिणामों की घोषणा के 72 घंटों के भीतर उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा सांख्यिकीय रिपोर्टों का सेट बिहार चुनाव 2025 के समापन के 5 दिनों के भीतर सार्वजनिक डोमेन में निःशुल्क उपलब्ध कराया गया।

Point of View

चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को इंगित करता है। चुनाव आयोग की बनाई गई प्रक्रियाएं और मानक संचालन विधियां लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पहलू को मजबूत बनाती हैं।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या ईवीएम की जांच के लिए आवेदन देना अनिवार्य है?
नहीं, ईवीएम की जांच के लिए आवेदन देना अनिवार्य नहीं है, लेकिन हारने वाले उम्मीदवारों को यह अधिकार है कि वे आवेदन कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने कब ईवीएम की जांच के लिए SOP जारी की थी?
चुनाव आयोग ने 17 जून 2025 को ईवीएम की जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए संशोधित SOP जारी की थी।
क्या बिहार चुनाव 2025 में कोई विसंगति पाई गई?
नहीं, बिहार चुनाव 2025 में ईवीएम गणना में कोई विसंगति नहीं पाई गई।
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