क्या बलरामपुर में जबरन धर्मांतरण पर अपर्णा यादव का बड़ा बयान घर वापसी की मांग कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- जबरन धर्मांतरण पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए।
- घर वापसी का अधिकार हर व्यक्ति का होना चाहिए।
- राजनीति में धर्म को नहीं लाना चाहिए।
- सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए।
- स्वतंत्र भारत में हर व्यक्ति को धर्म का चुनाव करने का अधिकार है।
गोंडा, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता अपर्णा यादव ने बलरामपुर में जबरन धर्मांतरण के मामले पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की सराहना करते हुए घर वापसी की मांग की है।
अपर्णा यादव ने कहा कि जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि देशभर में एक स्पष्ट संदेश पहुंचे। मैं चाहती हूं कि जिन व्यक्तियों का जबरन धर्मांतरण हुआ है, उनकी घर वापसी हो। हालांकि, यह उनके स्वेच्छा पर निर्भर होना चाहिए। हम एक स्वतंत्र भारत में निवास करते हैं, जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म को चुनने का अधिकार है। जो लोग धर्मांतरण से असंतुष्ट हैं और जबरन धर्म परिवर्तन का शिकार हुए हैं, उन्हें अपने मूल धर्म में लौटने का अवसर मिलना चाहिए।
उन्होंने इस मुद्दे पर इंटेलिजेंस की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि जैसे ही इसकी जानकारी मिली, त्वरित कार्रवाई की गई। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की और कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावी कार्रवाई की है। अवैध संपत्ति और स्थलों पर बुलडोजर चलाकर उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। यह उन लोगों के लिए चेतावनी है जो जबरन धर्मांतरण करवाते हैं। मुझे लगता है कि ऐसी कठोर कार्रवाई से पूरे देश में संदेश जाएगा।"
अपर्णा यादव ने बलरामपुर में धर्मांतरण के लिए रेट तय करने की घटना को "निकृष्ट कार्य" करार दिया। उन्होंने कहा, "यह न केवल महिलाओं, बल्कि किसी भी व्यक्ति के लिए गलत है। जो लोग धर्म की आड़ में ऐसी हरकतें करते हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि ऐसी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।"
कावड़ यात्रा पर विपक्षी दलों के बयानों पर भी अपर्णा यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "कावड़ यात्रा हमारी सनातन परंपरा का हिस्सा है। इसमें यात्रियों के खाने-पीने और विश्राम का ध्यान रखना गलत नहीं है। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है।"
समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा नेम प्लेट पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, "धर्म से जुड़े मामलों को राजनीति में नहीं लाना चाहिए। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं, जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। कांवड़ यात्री अपनी सभ्यता और संस्कार का निर्वहन कर रहे हैं, इसमें कोई गलत बात नहीं है।"
मुंबई में भाषा विवाद पर अपर्णा यादव ने हिंदी को देश की एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "हिंदी हमारा गौरव है, जो पूरे देश को जोड़ती है। किसी भी भाषा के खिलाफ भद्दी टिप्पणी करने वाले लोग निम्न स्तर के हैं। मराठी भी एक सुंदर भाषा है, और हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत से लोग हैं जो महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं; हम उन्हें गले लगाकर स्वागत करते हैं। मेरा स्पष्ट मानना है कि भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।