क्या सनी देओल अपने पिता को याद कर भावुक हुए?
सारांश
Key Takeaways
- धर्मेंद्र देओल का जीवन और करियर हिंदी सिनेमा में महत्वपूर्ण रहा है।
- सनी देओल भावुकता से अपने पिता को याद करते हैं।
- पिता-पुत्र के रिश्ते में प्यार और सम्मान होता है।
- धर्मेंद्र की शिक्षा और मूल्य आज भी परिवार में जीवित हैं।
- सनी और अभय देओल के बीच का बंधन मजबूत है।
मुंबई, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 65 वर्षों का लम्बा करियर पूरा करके हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने वाले अभिनेता धर्मेंद्र देओल ने 24 नवंबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 89 वर्ष की आयु में एक्टर ने अपने जुहू स्थित आवास पर अंतिम सांस ली।
धर्मेंद्र के निधन के बाद, उनके बड़े बेटे सनी देओल ने पहली बार अपने पिता को याद करते हुए भावुकता से बात की।
सनी देओल ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अपने पिता के साथ नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में सनी पूछते हैं, "पापा, कैसे हैं?" इस पर धर्मेंद्र मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं, "बेटा, बहुत अच्छा लग रहा है, प्रकृति का अद्भुत नजारा देख रहा हूं।" अभिनेता के चेहरे पर एक प्यारी और सुकून देने वाली मुस्कान है। सनी ने कैप्शन में लिखा, "आज मेरे पापा का जन्मदिन है। पापा हमेशा मेरे साथ रहेंगे, मेरे अंदर हैं। लव यू, पापा, मिस यू।"
सनी देओल के अलावा, उनके कजिन भाई और अभिनेता अभय देओल ने भी अपने ताऊजी को याद करते हुए एक प्यारा सा पोस्ट साझा किया। उन्होंने बचपन की उन यादों को ताजा किया, जब उन्होंने धर्मेंद्र के साथ समय बिताया था।
उन्होंने लिखा, "यह घटना शायद 1985 या 1986 की है। जब मुझे डांटा गया था, तब मैं परेशान था। उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और कहा, 'वहां लाइट की तरफ देखो,' और एक फोटोग्राफर ने हमारी तस्वीर खींच ली। मैं उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा था जब वे मुझसे दोबारा ये शब्द कहेंगे।" आज उनका जन्मदिन था।
आपको बता दें कि 8 दिसंबर, 1935 को धर्मेंद्र देओल का जन्म पंजाब राज्य के लुधियाना जिले के नसराली गांव में हुआ था। उनका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता, केवल कृष्ण सिंह, स्कूल में शिक्षक थे और सख्त स्वभाव के थे। धर्मेंद्र ने एक किस्सा साझा किया कि अपने पिता के सख्त स्वभाव की वजह से वे कम बात करते थे, लेकिन एक दिन उन्होंने अपने पिता के पास सोने की इच्छा जताई।
जब यह बात उन्होंने अपनी मां से कही, तो उन्होंने धर्मेंद्र के पिता से कहा कि उन्हें अपने पास सुलाने के लिए कहें। धर्मेंद्र को लगा कि पिता के पास सोने से उन्हें प्यार मिलेगा, लेकिन इसके उलट, उनके पिता ने उन्हें रात में पहाड़े सुनाने लग गए। उन्होंने कहा कि पिता के कहने पर पहाड़े सुनाए, लेकिन उसके बाद उन्होंने फिर से उनके पास सोने की इच्छा नहीं जताई।