क्या अर्धमत्स्येंद्रासन से तन और मन का ख्याल रखा जा सकता है? जानें इसके फायदे
सारांश
Key Takeaways
- तन और मन के लिए फायदेमंद
- पाचन में सुधार करता है
- मोटापा कम करने में सहायक
- गर्दन और कंधों के लिए राहत
- मधुमेह के लिए लाभकारी
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अर्धमत्स्येंद्रासन योग का एक अत्यंत लाभकारी और लोकप्रिय आसन है, जो तन और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है। आज की तेज़-तर्रार जीवनशैली और तनाव के बीच, यह आसन शरीर की स्ट्रेचिंग, अंगों को सक्रिय करने और मन को शांति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होता है।
इसे करना भी कठिन नहीं है और नियमित अभ्यास से इसके परिणाम स्पष्ट होने लगते हैं। इस आसन में शरीर को आधा मोड़कर कई अंगों में रक्त संचार को बेहतर किया जाता है, जिससे ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ता है। यही कारण है कि इसे सबसे बेहतरीन आसनों में से एक माना जाता है।
इस आसन का प्रमुख लाभ यह है कि यह गुर्दे, यकृत और प्लीहा के लिए काफी लाभकारी है। जब हम शरीर को मोड़ते हैं, तो आंतरिक अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होता है। खासकर यकृत को इससे बहुत लाभ होता है।
इसके अलावा, यह आसन मधुमेह के रोगियों के लिए भी उपयोगी होता है। पेट के क्षेत्र में खिंचाव से अग्न्याशय (पैंक्रियास) की कार्यक्षमता में सुधार होता है, जिससे इंसुलिन का स्राव संतुलित रहता है। हालांकि, मधुमेह से संबंधित किसी भी अभ्यास को शुरू करने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेना अनिवार्य है।
अर्धमत्स्येंद्रासन गर्दन और कंधों की खिंचाव या जकड़न से राहत दिलाता है। जो लोग लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं या एक ही स्थिति में बैठे रहते हैं, उनके लिए यह आसन अत्यंत लाभकारी हो सकता है। यह गर्दन की नसों को आराम देता है और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
यह कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है, क्योंकि पेट के क्षेत्र में होने वाली गतिविधियाँ पाचन तंत्र को सक्रिय करती हैं। नियमित अभ्यास से भूख भी सही होती है और खाना आसानी से पचने लगता है।
अवश्य ही, आज के बढ़ते मोटापे से हर कोई परेशान है। इस संदर्भ में अर्धमत्स्येंद्रासन मोटापा कम करने में मदद करता है। यह पेट और कमर के आसपास की चर्बी को घटाने में सहायक होता है, क्योंकि आसन करते समय इन हिस्सों पर खिंचाव पड़ता है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी तेज करता है, जिससे कैलोरी जल्दी बर्न होती हैं।