क्या अरपोरा हादसा गोवा के पर्यटन इतिहास का काला दिन है? मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग: अमित पाटकर

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क्या अरपोरा हादसा गोवा के पर्यटन इतिहास का काला दिन है? मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग: अमित पाटकर

सारांश

गोवा के अरपोरा में नाइटक्लब हादसे ने 25 निर्दोष लोगों की जान ले ली। कांग्रेस अध्यक्ष अमित पाटकर ने इसे पर्यटन इतिहास का काला दिन बताया है और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। क्या यह घटना प्रशासनिक विफलता का परिणाम है? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • अरपोरा हादसे में 25 की मौत, 6 घायल।
  • अमित पाटकर ने कहा, यह काला दिन है।
  • मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस्तीफे की मांग।
  • संवैधानिक जवाबदेही का होना आवश्यक।
  • अवैध परमिशन देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जरूरत।

पणजी, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा के अरपोरा में नाइटक्लब में हुए हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई है, जबकि छह घायल हैं। गोवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने इस घटना को गोवा के पर्यटन इतिहास का काला दिन बताया है। उन्होंने राज्य सरकार और रेगुलेटरी निगरानी पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस्तीफे की मांग की।

अमित पाटकर ने कहा, "अरपोरा के एक क्लब में 25 बेगुनाह लोगों की मौत गोवा के पर्यटन इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है। यह भयानक घटना कोई हादसा नहीं है, यह मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के तहत शासन, रेगुलेटरी निगरानी और सार्वजनिक सुरक्षा की पूरी तरह से विफलता का परिणाम है।"

उन्होंने कहा, "वर्षों से कांग्रेस पार्टी सरकार को लगातार अवैध गतिविधियों, बिना रेगुलेशन के नाइटलाइफ ऑपरेशन, सुरक्षा नियमों के उल्लंघन और सत्ताधारी प्रतिष्ठान और कुछ व्यावसायिक हितों के बीच गहरे गठजोड़ के बारे में चेतावनी देती रही है। कल की त्रासदी इसी आपराधिक लापरवाही का नतीजा है।"

उन्होंने गोवा सरकार पर लोगों की जान बचाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया और कई सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, "बिना बेसिक सुरक्षा नियमों का पालन किए प्रतिष्ठानों को काम करने की इजाजत क्यों दी गई? ठीक से लाइसेंस जांच किए बिना परमिशन किसने दी? बीजेपी सरकार ने गोवा के पर्यटन क्षेत्र को निहित स्वार्थों से चलने वाला, कानूनविहीन, असुरक्षित माहौल क्यों बना दिया है?"

गोवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह त्रासदी पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता और गृह विभाग, पर्यटन विभाग और गोवा पुलिस की पूरी तरह से नाकामी को उजागर करती है। इस आपदा की गंभीरता को देखते हुए उच्चतम स्तर पर नैतिक जवाबदेही तय होनी चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत को नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने और शासन के इस तरह के विनाशकारी पतन की अनुमति देने के लिए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। जो सरकार अपने ही लोगों की रक्षा नहीं कर सकती, उसे पद पर बने रहने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।"

अमित पाटकर ने कहा, "संवैधानिक मशीनरी की पूरी तरह से विफलता को देखते हुए गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी माननीय राज्यपाल से तुरंत संज्ञान लेने और भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश करने का आग्रह करती है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। गोवा दुख में एकजुट है और हर जान के लिए न्याय की मांग करता है।"

उन्होंने कांग्रेस पार्टी की मांग बताते हुए कहा, "हाईकोर्ट के मौजूदा जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच हो। अवैध परमिशन देने वाले अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड और गिरफ्तार किया जाए। क्लब के सभी लाइसेंस, सुरक्षा ऑडिट और निरीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से जारी किए जाएं। मृतकों और घायलों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।"

पाटकर ने कहा, "गोवा की छवि, संस्कृति और सुरक्षा को भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और अक्षमता की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है और गोवा के लोग इस सिस्टम की विफलता को नहीं भूलेंगे। अब जवाबदेही का समय है। अब बदलाव का समय आ गया है।"

Point of View

बल्कि राज्य की छवि को भी नुकसान पहुँचाती हैं। इस मामले में उच्च नैतिक जिम्मेदारी का पालन होना चाहिए।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

अरपोरा हादसा क्या था?
अरपोरा में एक नाइटक्लब में हुए हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हुए।
अमित पाटकर ने इस घटना को कैसे वर्णित किया?
अमित पाटकर ने इसे गोवा के पर्यटन इतिहास का काला दिन बताया है।
मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग क्यों की गई?
इस हादसे को प्रशासनिक विफलता का नतीजा मानते हुए इस्तीफे की मांग की गई है।
क्या न्यायिक जांच की मांग की गई है?
जी हां, न्यायिक जांच की मांग के साथ अवैध परमिशन देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की गई है।
इस घटना का असर गोवा के पर्यटन पर क्या होगा?
इस घटना से गोवा की छवि को नुकसान पहुँच सकता है और पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठ सकते हैं।
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