क्या अरुणाचल उगते सूर्य और देशभक्ति की उमंग की धरती है? पीएम मोदी ने रखी 13 विकास परियोजनाओं की आधारशिला

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री ने 13 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
- जलविद्युत परियोजनाएं ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेंगी।
- कांग्रेस की तुलना में भाजपा सरकार ने अधिक धनराशि दी।
- अरुणाचल प्रदेश की विकास यात्रा की शुरुआत।
- स्थानीय लोगों की मेहनत और संभावनाओं का सम्मान होना चाहिए।
ईटानगर, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश में 5,100 करोड़ रुपए से अधिक की 13 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस क्षेत्र की विशाल जलविद्युत क्षमता को साकार करने और स्थायी ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी।
दोनों बिजली परियोजनाएं नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (नीपको) के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त प्रयास के रूप में विकसित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने राजधानी के इंदिरा गांधी पार्क में एक भव्य जनसभा को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "अरुणाचल की यह भूमि उगते सूर्य की धरती के साथ-साथ देशभक्ति के उफान की भी धरती है। जैसे तिरंगे का पहला रंग केसरिया है, वैसे ही अरुणाचल का पहला रंग भी केसरिया है। यहां का हर व्यक्ति शौर्य और शांति का प्रतीक है।"
उन्होंने कहा कि विकास की किरणों का आगमन कई दशकों से लंबित था। मैं 2014 से पहले भी यहां कई बार आया हूं, आपके साथ रहा हूं। अरुणाचल को प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है। ये धरती, यहां के मेहनती लोग, यहां की संभावनाएं, यहां का सब कुछ अनमोल है। लेकिन जो लोग दिल्ली में बैठकर देश चला रहे थे, उन्होंने हमेशा अरुणाचल को नजरअंदाज किया।
पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस जैसे लोग सोचते थे, 'यहां इतने कम लोग हैं, लोकसभा की सिर्फ दो ही सीटें हैं, तो क्यों अरुणाचल पर ध्यान दिया जाए?' कांग्रेस की सोच ने अरुणाचल और पूरे नॉर्थ ईस्ट को बहुत नुकसान पहुँचाया। 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तब मैंने कांग्रेस की सोच से देश को मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया। हमारी प्रेरणा वोटों और सीटों की संख्या नहीं, बल्कि राष्ट्र पहले की भावना है।"
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम नॉर्थ ईस्ट के आठों राज्यों को अष्टलक्ष्मी के रूप में पूजते हैं, इसलिए इस क्षेत्र का विकास अवश्य होना चाहिए। यहां विकास के लिए केंद्र सरकार अधिकाधिक धन निवेश कर रही है।
उन्होंने कहा, "देश में जो टैक्स इकट्ठा होता है, उसका एक हिस्सा राज्यों को मिलता है। जब कांग्रेस की सरकार थी तब अरुणाचल प्रदेश को 10 वर्षों में सेंट्रल टैक्स में से केवल 6,000 करोड़ रुपए मिले थे, जबकि भाजपा सरकार के 10 वर्षों में अरुणाचल को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक मिले हैं। इसका मतलब है कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस के मुकाबले अरुणाचल को 16 गुना ज्यादा धनराशि दी है और यह केवल टैक्स का हिस्सा है।"