क्या अशोक चौधरी ने पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया है, जिसमें पाठ्यक्रम में महापुरुषों को उचित स्थान देने की बात कही गई?
सारांश
Key Takeaways
- महान नेताओं का योगदान पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
- नई पीढ़ी को सही जानकारी मिलेगी।
- मानवाधिकारों का उल्लंघन गंभीर विषय है।
- सदस्यता अभियान का लक्ष्य एक करोड़ सदस्यों को जोड़ना है।
- संगठन को मजबूती मिलेगी।
पटना, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने देश के महान नेताओं के योगदान को पाठ्यक्रम में उचित स्थान देने का उल्लेख किया।
अशोक चौधरी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया है कि उनसे पहले के कई महान नेता, जैसे कि डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, और अन्य समकालीन नेता, उनके ऐतिहासिक योगदान को इतिहास और सामाजिक विज्ञान की किताबों में सीमित जगह दी गई थी।
उन्होंने कहा कि अब इन महापुरुषों के योगदान को विस्तार से शामिल किया जा रहा है, जो एक सकारात्मक और सराहनीय कदम है। इससे नई पीढ़ी को देश के वास्तविक इतिहास और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों के सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह गलत है, चाहे वह अल्पसंख्यकों के साथ हो या बहुसंख्यकों के साथ। किसी भी देश में यदि मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है तो यह गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों पर संयुक्त राष्ट्र को संज्ञान लेना चाहिए और मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
इसके साथ ही, सदस्यता अभियान को लेकर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने बिहार में एक करोड़ सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से जमीनी स्तर पर चलाया जा रहा संगठनात्मक अभियान है, जिसमें कार्यकर्ताओं और समर्थकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि आज से सदस्यता अभियान की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है और जगह-जगह सदस्यता फॉर्म और पर्चियां बांटी जा रही हैं। इस अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, जिससे संगठन को और मजबूती मिलेगी।