क्या चुनाव आयोग का मतदाता पुनरीक्षण बड़ा मुद्दा है? अशोक गहलोत का सवाल

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क्या चुनाव आयोग का मतदाता पुनरीक्षण बड़ा मुद्दा है? अशोक गहलोत का सवाल

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण पर उठ रहे सवाल, अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं। क्या यह लोकतंत्र को प्रभावित करेगा? जानिए इस मुद्दे पर गहलोत का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • मतदाता पुनरीक्षण एक आवश्यक प्रक्रिया है।
  • अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया है।
  • विपक्ष का मानना है कि निर्णय लेने से पहले संवाद आवश्यक है।
  • जनता का विश्वास महत्वपूर्ण है।
  • बिहार में चुनाव आयोग की कार्यवाही पर चर्चा चल रही है।

पटना, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण को लेकर कांग्रेस ने सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के नेता भाजपा को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

इस बीच, बिहार की राजधानी पटना पहुंचे राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग पर प्रश्न उठाए हैं।

पटना में मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा, "वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन महत्वपूर्ण मुद्दा है। इनकी मंशा क्या है, यह समझ नहीं आ रहा है?"

उन्होंने कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि ये लोकतंत्र को समाप्त करना चाहते हैं। हमें लगता है कि वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का यह निर्णय कंफ्यूजन पैदा कर रहा है। चुनाव आयोग भी इस मामले में स्पष्टता नहीं दे रहा है।

गहलोत ने कहा कि बिहार में चुनाव से पहले यह नई पहल बिना विपक्ष को विश्वास में लिए की जा रही है। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह पक्ष-विपक्ष से बातचीत करे और फिर निर्णय ले। इस प्रकार से एकतरफा फैसले लेना उचित नहीं है, इससे जनता का विश्वास भी समाप्त हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि यहां के जो लोग दिल्ली में काम करते हैं, वे जब वहां मिलते हैं, तो बताते हैं कि हम अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करेंगे। इस प्रकार की कंफ्यूजन बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस तरह के कंफ्यूजन को दूर करना चाहिए।

गौरतलब है कि बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए चुनाव आयोग मतदाता पुनरीक्षण का कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत 25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण का कार्य होगा। सत्ता पक्ष इसे सही बता रहा है, जबकि विपक्ष इसे लेकर मोरचा खोले हुए है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से लें। मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए, ताकि लोकतंत्र को सशक्त बनाया जा सके। एकतरफा निर्णय लेना जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता पुनरीक्षण क्या है?
मतदाता पुनरीक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी योग्य मतदाता सूची में शामिल हैं।
क्यों आवश्यक है मतदाता पुनरीक्षण?
यह प्रक्रिया चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करती है, जिससे सभी योग्य मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।
क्या बिहार में चुनाव आयोग की कार्रवाई सही है?
विपक्ष के अनुसार, चुनाव आयोग को निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों से संवाद करना चाहिए था।
अशोक गहलोत का क्या कहना है इस मुद्दे पर?
उन्होंने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश है।
मतदाता पुनरीक्षण में क्या चुनौतियाँ हैं?
कई लोग प्रमाण पत्र लाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, जिससे प्रक्रिया में कंफ्यूजन बढ़ रहा है।